- केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा- भारत के टूकड़े-टूकड़े और पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों को देश में रहने का अधिकार किसने दिया?
- राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- झारखंड लिंचिंग और हिंसा की फैक्ट्री बन गया, हर हफ्ते दलितों-मुस्लिमों की हत्या हो रही
नई दिल्ली. लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी सरकार से पूछा- क्या आप 2जी और कोयला घोटाले में किसी को पकड़ पाए? क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सलाखों के पीछे भेज पाए? उन्होंने कहा कि जब आप इन लोगों को चोर कहकर सत्ता में आए हैं, तब वे संसद में कैसे बैठे हैं?
जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल 2019 पेश
इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार और अन्य कानून संशोधन बिल 2019 पेश किया। केंद्रीय राज्य गृहमंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल 2019 पेश किया। रेड्डी ने यह बिल गृहमंत्री अमित शाह की ओर से सदन में रखा। जबकि शाह सदन में ही मौजूद थे। जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक को फरवरी में कैबिनेट और राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है।
‘पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों को देश में रहने का अधिकार किसने दिया?’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि सेना के आधुनिकीकरण का सिलसिला जारी है। नितिन गडकरी ने कहा कि मुंबई-गोवा प्रोजेक्ट एक साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक, गंगा स्वच्छता अभियान के तहत 45 परियोजनाएं पूरी कर ली गईं। केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने सदन में कहा, ‘‘जो लोग भारत के टूकड़े टूकड़े करने तक जंग रहेगी, पाकिस्तान जिंदाबाद, और अफजल गुरु जिंदाबाद कहते हैं। इन लोगों को देश में रहने का अधिकार किसने दिया?’’
‘झारखंड लिंचिंग और हिंसा की फैक्ट्री बन गया’
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘झारखंड लिंचिंग और हिंसा की फैक्ट्री बन गया है। यहां हर हफ्ते दलितों और मुस्लिमों की हत्या हो रही। प्रधानमंत्री जी, हम आपके साथ मिलकर सबका साथ सबका विकास के लिए लड़ेंगे, लेकिन आपको यहां लोगों की हालत देखना चाहिए।’
जम्मू-कश्मीर के हर वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलेगा
गृह मंत्रालय द्वारा पेश किए गए बिल के तहत जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया जाएगा। बिल के पास होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। आरक्षण नियम में संशोधन कहता है कि कोई भी व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।