वॉशिंगटन. अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में रहने वाली एक दंपती को उम्मीद भी नहीं होगी कि 60 साल बाद उन्हें अपनी खोई हुई अंगूठी मिल जाएगी। यह मुमकिन हुआ बॉस्टन के रहने वाले एक स्कूबा डाइवर लुक बेरुब की बदौलत जो डाइविंग के साथ-साथ कई मौकों पर अपना मेटल डिटेक्टर लेकर तालाब और समुद्र की गहराइयों में उतर जाते हैं। यहां वे कीमती पत्थर और वस्तुएं ढूंढने में समय देते हैं।
अंगूठी पर मिला स्कूल का नाम
- हाल ही में बेरुब जब स्कूबा डाइविंग के लिए शहर के हैंसन स्थित तालाब में उतरे तो उन्हें 1960 की एक अंगूठी मिली। बेरुब के मुताबिक, सोने की अंगूठी में आगे की तरफ ही शहर में मौजूद एक स्कूल का नाम छपा था। साथ ही WJW जैसे तीन अक्षर गढ़े थे।
- बेरुब का कहना है कि घर लौटने के बाद उन्होंने स्कूल के बारे में सर्च किया। चूंकि अंगूठी में पहचान जाहिर करने वाले अक्षर थे, इसीलिए वे उसे उसके सही मालिक तक लौटाना चाहते थे।
- बेरुब ने इसके बाद गेट ऑफ हेवन स्कूल के पूर्व छात्रों के एक पेज को जॉइन करने की कोशिश की। जब उन्होंने मैसेज में अंगूठी का जिक्र किया तो एक मॉडरेटर ने उन्हें ग्रुप में ले लिया। इसके बाद बेरुब ने खोई अंगूठी के बारे में पोस्ट लिखा।
बेटी ने किया फेसबुक से किया संपर्क
इसका फायदा यह हुआ कि बॉस्टन के साऊदी इलाके में रहने वाले विलियम जोसेफ वेडल की बेटी क्रिस्टीन ने पोस्ट देख लिया और अंगूठी को अपने पिता को दिखाया। 77 साल के जोसेफ ने एक बार में ही अंगूठी को पहचान लिया।
- क्रिस्टीन के मुताबिक, अंगूठी की पहचान के बाद उन्होंने बेरुब से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि पिता जोसेफ ने अंगूठी अपनी प्रेमिका को दी थी, जिन्होंने इसे खो दिया था। इसके बाद बेरुब ने अंगूठी जोसेफ को सौंप दी।
चार साल में इकट्ठा हुईं 100 से ज्यादा अंगूठियां
बेरुब के मुताबिक, वे पिछले करीब 12-13 सालों से डाइविंग कर रहे हैं। हालांकि, मेटल डिटेक्टर लेकर डाइविंग करना उन्होंने चार साल पहले ही शुरू किया। अब तक उनके पास 100 से ज्यादा अंगूठियां इकट्ठा हो चुकी हैं। ज्यादातर में उनके मालिकों की पहचान नहीं मिली, जिसकी वजह से इन्हें लौटाया नहीं जा सका।