अहमदाबाद /विवादों से बरसों पुराना नाता रहा है संजीव भट्ट का

0
110

  • CN24NEWS-20/06/2019
  • कैदियों ने उनके तबादले के विरोध में अनशन किया था
  • नरेंद्र मोदी पर भी लगाए थे इन्होंने आरोप
  • पत्नी क्लासिकल डांसर, पिता मिल मैनेजर
  • अहमदाबाद. आईआईटी मुम्बई से एम टेक हुए और गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट एक समय जेलर थे। वहां उनके तबादले के विरोध में कैदी भूख हड़ताल पर बैठे थे। वही पूर्व आईपीएस और जेल सुपरिटेंडेंट संजीव आज कैदी बन गए हैं। गुरुवार को 29 साल पहले कस्टोडियल डेथ के मामले में जामनगर सेशंस कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। संजीव भट्ट का कार्यकाल हमेशा विवादों में ही रहा है।                         जब कैदियों ने लगाया नारा
    18 नवम्बर 2003 को जब संजीव भट्ट का साबरमती सेंट्रल जेल से ट्रांसफर हुआ, जेल के पास दंगा हो गया। उस समय कैदियों ने सुबह का नाश्ता लेने से इंकार कर दिया। केवल इतना ही नहीं, कई कैदियों ने अपनी नस तक काट ली। 4000 कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए। तब कैदियों ने संजीव भट्ट काे वापस लाने का नारा भी लगाया।पत्नी क्लासिकल डांसर, पिता मिल मैनेजर
    1963 में मुम्बई में जन्म लेने वाले संजीव भट्ट के पिता राजेंद्र भट्ट अहमदाबाद स्थित हठीसिंग टेक्सटाइल मिल में मैनेजर थे। संजीव भट्ट ने 1985 में आईआईटी बाम्बे से एम टेक करने के बाद सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। इस दौरान उनकी मुलाकात क्लासिकल डांसर श्वेता से हुई। 1987 में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। उस समय संजीव भट्ट ऐसे गुजराती थे, जिसकी भर्ती सीधे आईपीएल के लिए हुई। वे स्टेट, बॉर्डर और वीवीआईपी जैसी इंटरनेशनल सिक्योरिटी में सबसे अधिक समय तक इंटेलिजेंस ऑफिसर रहे। फिटनेस के मामले में जागरूक संजीव रोज 15 कि.मी. दौड़ते हैं। उनकी संतान में एक बेटी और एक बेटा है।संजीव भट्ट और विवाद
    संजीव भट्ट जब गोधरा कांड पर सवाल उठा रहे थे, तब उन्होंने एक सुरक्षाकर्मी से विवाद किया था, इस दौरान उन्होंने उसे एक थप्पड़ मार दिया था। इसकी एफआईआर भी लिखी गई थी। केवल इतना ही नहीं, उन्होंने अपने मेमनगर स्थित बंगले में अवैध रूप से निर्माण कार्य भी कराया था। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था।

    मोदी पर उठाए थे सवाल
    2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविड देते हुए उन पर काफी सवाल उठाए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि 2002 के साम्प्रदायिक दंगों के लिए तैयार की गई एसआईटी पर मुझे विश्वास नहीं है। दूसरी तरफ गुजरात राज्य के अधिकारियों ने भट्ट पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे मोदी पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।

    2011 में सस्पेंड और 2015 में रिटायर
    संजीव भट्ट को 2011 में राज्य सरकार द्वारा ड्यूटी पर गैरहाजिर और सरकारी वाहनों की मंजूरी लिए बिना दुरुपयोग करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद 2015 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें नौकरी से इस्तीफा देने की सलाह दी थी। जिसे स्वीकारते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

  • JAY HIND

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here