मुंबई. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने से 6 महीने पहले इस्तीफा दे दिया है। न्यूज एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। आचार्य 2017 में आरबीआई से जुड़े थे। फिलहाल वे फाइनेंशियल स्टेबिलिटी यूनिट, मॉनेटरी पॉलिसी डिपार्टमेंट, डिपार्टमेंट और इकोनॉमिक एंड पॉलिसी रिसर्च, फाइनेंशियल मार्केट ऑपरेशन डिपार्टमेंट और फाइनेंशियल मार्केट रेग्युलेशन डिपार्टमेंट के इन्चार्ज हैं। पिछले साल अक्टूबर में एक भाषण के दौरान उन्होंने आरबीआई की स्वायत्ता का मुद्दा उठाया था।
6 महीने में दूसरा बड़ा इस्तीफा
आचार्य ने कहा था कि जो सरकार केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से समझौता करती है उसे बाजार का गुस्सा झेलना पड़ता है। उस बयान के बाद सरकार और आरबीआई के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया था। सरकार से विवादों के चलते 10 दिसंबर 2018 को उर्जित पटेल ने गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल पूरा होने में भी 9 महीने बाकी थे।
आचार्य फिर से एकेडमिक फील्ड से जाएंगे: रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आचार्य ने इस्तीफे की वजह निजी बताई है। वे न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में टीचिंग से जुड़ेंगे। रिजर्व बैंक से जुड़ने से पहले वे न्यूयॉर्क यूनिवर्सटी में ही इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर थे। बताया जा रहा है कि उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद से आचार्य असहज महसूस कर रहे थे। पटेल के इस्तीफे के बाद आचार्य के इस्तीफे की अटकलें भी शुरू हो गई थीं।