नई दिल्ली. बालाकोेट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की एक अत्याधुनिक पनडुब्बी अचानक लापता हो गई थी। आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव था। भारतीय नौसेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर अपनी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस कलवरी और चक्र को पाक से लगी समुद्र सीमा पर तैनात किया था। नौसेना के हेलिकॉप्टर और सैटेलाइट से पाक पनडुब्बी ‘पीएनएस साद’ की लोकेशन तलाशी गई। नेवी का यह तलाशी अभियान 21 दिन चला था।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने अभ्यास रोक दिया था और ज्यादा जंगी बेड़े को पाक सीमा पर तैनात कर दिया था। इससे पाकिस्तान को लगा कि भारत समुद्र से हमला कर 40 जवानों की शहादत का बदला लेगा। लेकिन भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में हमला कर आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया।
पाक पनडुब्बी के 3 दिन में गुजरात पहुंचने की आशंका थी
इसके बाद भारत ने पाक सेना की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी थी। इसी दौरान पता चला कि पाक नौसेना की अगस्ता क्लास पनडुब्बी पीएनएस साद कराची के पास समंदर में लापता हो गई है। तब एजेंसियों ने गंभीर खतरा बताते हुए तीन दिन में इसके गुजरात और अगले पांच दिन में मुंबई तट पर पहुंचने की आशंका जताई थी। पाक पनडुब्बी का पता लगाने के लिए भारत ने कई युद्धपोत और टोही विमान अरब सागर में तैनात किए थे।
तनाव बढ़ने पर भारत ने 60 युद्धपोत तैनात किए थे
सूत्रों के मुताबिक, पीएनएस साद के भारतीय सीमा में घुसपैठ की आशंका के चलते सैन्य ऑपरेशन की पूरी तैयारी कर ली गई थी। लेकिन 21 दिन के व्यापक तलाशी अभियान के दौरान पीएनएस साद पाकिस्तान के पश्चिमी तट पर देखी गई। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने इसे छिपा लिया था। तनाव बढ़ने पर भारत ने आईएनएस विक्रमादित्य समेत 60 युद्धपोत उत्तरी अरब सागर में तैनात किए थे। इससे पाक नौसेना सिर्फ मकरान तट तक ही सीमित रह गई।