- CN24NEWS HINDI-12/06/2019
- अरब सागर में हवा के कम दबाव की स्थिति गहराने के कारण उत्पन्न चक्रवाती तूफान ‘वायु’ के 13 जून को गुजरात पहुंचने की आशंका हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे में तूफान गंभीर रूप ले सकता है। द्वारका, सोमनाथ, सासन और कच्छ घूमने आए पर्यटकों को 12 जून की शाम के बाद सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
Kutch: #CycloneVayu is expected to make a landfall in #Gujarat tomorrow morning. Tourists visiting Dwarka, Somnath, Sasan, Kutch, have been advised to leave for safer places after the afternoon of 12 June pic.twitter.com/9zPSoZFJZ2
— ANI (@ANI) June 12, 2019
राज्य सरकार ने तटीय और दक्षिण गुजरात में ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है। तटीय इलाकों में एनडीआरएफ जवानों को तैनात किया है। सेना को भी तैयार रहने को कहा गया है। इस बीच हालात से निपटने और तकरीबन 3 लाख लोगों का रेस्क्यू कराने के लिए सेना और एनडीआरएफ ने कमर कस ली है।
मुंबई स्थित रीजनल फोरकास्टिंग सेंटर के डायरेक्टर इंचार्ज का कहना है कि वायु तूफान का मुंबई पर ज्यादा असर नहीं है। शहर में संभवत: हल्की बारिश होगी और हवा की गति में भी वृद्धि हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र से उत्तर की ओर बढ़ रहा ‘वायु’ बृहस्पतिवार सुबह तक पोरबंदर और कच्छ पहुंच सकता है। तूफान की गति 115 से 130 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 13-14 जून को भारी बारिश हो सकती है।
गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने बताया कि तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सकता है। सरकार तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी में है। बंदरगाहों को खतरे के संकेत और सूचना जारी करने को कहा गया है।
गृहमंत्री शाह ने ली बैठक
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सीएम ने पर्यटकों से की वापस जाने की अपील
राज्य सरकार के हाई अलर्ट के बाद NDRF तैनात
मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में 13 और 14 जून को भारी बारिश होने और 110 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।
इसे देखते हुए गुजरात सरकार ने भी ‘हाई अलर्ट’ जारी करते हुए सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के जवानों को तैनात किया है। ष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक टीम को भारतीय वायु सेना के C-17 विमान से जामनगर में उतारा गया है। यह टीम किसी भी खतरे की दशा में सहायता और आपदा राहत मिशन चलाएगी।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
केरल में मूसलाधार बारिश
केरल में मानसून के दस्तक देने के बाद कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई है। खासतौर पर तटीय इलाकों में मकानों और पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। पिछले साल अगस्त में हुई अत्यधिक मानसूनी बारिश के बाद राज्य को सदी की सबसे बड़ी बाढ़ का सामना करना पड़ा था, जिसमें करीब 400 लोगों की मौत हो गई थी।
मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को एर्नाकुलम के पिरावम में सर्वाधिक 14 सेमी. बारिश दर्ज की गई। विभाग ने कुछ इलाकों में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तर मलप्पुरम और कोझिकोड में 12 जून को भारी वर्षा के आसार हैं। इस दौरान मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।