- CN24NEWS-20/06/2019
- सेशंस कोर्ट ने जामजोधपुर में कस्टोडियल डेथ मामले में संजीव भट्ट और कॉन्स्टेबल प्रवीण झाला दोषी माना
- 1990 में सांप्रदायिक दंगों पर काबू पाने के लिए 133 गिरफ्तारियों में प्रभुदास वैष्णा भी था, हिरासत में उसकी मौत हो गई थी
- मृतक के भाई ने भट्ट समेत 7 लोगों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे
- अहमदाबाद. जामनगर सेशंस कोर्ट ने गुरुवार को बर्खास्त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट और कॉन्स्टेबल प्रवीण झाला को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों को हिरासत में एक व्यक्ति की मौत (कस्टोडियल डेथ) के लिए दोषी करार दिया।1990 में 133 गिरफ्तारियां हुई थीं
1990 में संजीव भट्ट जामनगर के तत्कालीन एएसपी थे। उस वक्त भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा के दौरान जामजोधपुर में बंद बुलाया गया था। तभी सांप्रदायिक दंगे भड़क गए। भट्ट ने 30 अक्टूबर 1990 को दंगों पर काबू पाने के लिए जामखंभाणिया से 150 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें प्रभुदास वैशनानी भी थे।गिरफ्तारी के बाद प्रभुदास की तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद मृतक के भाई ने संजीव भट्ट और अन्य 6 पुलिसकर्मियों पर भाई को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी।