गुजरात : राज्यसभा की 2 सीटों पर अलग-अलग चुनाव के फैसले में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

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नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात की दो राज्यसभा सीटों पर एकसाथ चुनाव कराने की मांग को लेकर दायर कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी। चुनाव आयोग ने इन सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव कराए जाने का फैसला किया था। कांग्रेस ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी।

हालांकि, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की वेकेशन बेंच ने गुजरात कांग्रेस को चुनाव के बाद इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा, “चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद कोर्ट चुनाव की प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकती। चुनाव के बाद आप इलेक्शन पिटीशन दायर कर सकते हैं।”

शाह-ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुईं दोनों सीटें
गृह मंत्री अमित शाह के गांधीनगर और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गुजरात में राज्यसभा की 2 सीटों खाली हो गई हैं। चुनाव आयोग की ओर से 15 जून को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, दोनों सीटों के लिए पांच जुलाई को चुनाव होने हैं।

अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक: कांग्रेस

कांग्रेस ने याचिका में कहा था कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है। दरअसल, कांग्रेस की नजर खाली हुईं दो सीटों में एक जीतने पर थी। 182 विधानसभा सीटों वाले राज्य में कांग्रेस की 77 सीटें हैं जबकि भाजपा के पास 104 सदस्य हैं। 7 सीटें खाली हैं।

खाली सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना कानून के मुताबिक- आयोग
कांग्रेस की याचिका दाखिल पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। आयोग ने हलफनामे में दो सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराने के अपने फैसले को सही ठहराया और कहा था कि कांग्रेस की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। आयोग के मुताबिक, खाली सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना कानून के मुताबिक है। आयोग ने कहा था कि कैजुएल रिक्तियों के लिए अलग-अलग चुनाव होते रहे हैं। लेकिन जब किसी सदस्य का राज्यसभा में कार्यकाल खत्म होता है तो वो रेगुलर वेकेंसी होती है, जिसके लिए एक साथ ही चुनाव कराया जाता है।

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