रायपुर . प्रदेश में अब ऐसी इमारतों के डिजाइन ही मंजूर होंगे, जिनमें दिन के उजाले में कम से कम बिजली का उपयोग करना पड़ा। इसकी बिजली की खपत कम हो जाएगी। इसके लिए राज्य के व्यवसायिक भवनों में जल्द ही उर्जा संरक्षण इमारत कोड (ईसीबीसी) लागू किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही इसके नोटिफिकेशन के लिए विद्युत मंडल के पास भेजा जाएगा। इसके लागू होने के बाद राज्य में व्यवसायिक भवनों में खपत होने वाली बिजली की मात्रा में कमी आएगी।
इस कोड के लागू होने पर 2030 तक प्रतिवर्ष एक अरब यूनिट बिजली की बचत की संभावना है जो कि यह करीब 100 मिलियन टन कार्बनडाई ऑक्साइड के उत्सर्जन के बराबर है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल कुल विद्युत उत्पादन की 35 फीसदी खपत बिल्डिंग सेक्टर में होती है। इसलिए अब व्यवसायिक भवनों के एेसे डिजाइन पर बल दिया जा रहा है जहां बिजली की खपत कम से कम हो। इसे ध्यान में रखते हुए साल 2007 में ईसीबीसी का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। जिसे 2012 में अपडेट किया गया।
इसके बाद 2017 में इसे अपडेट कर आैर मजबूत बनाया गया आैर फिर 2018 में इसे नियम बनाकर लागू कर दिया गया है। इस कोड को बिल्डिंग मैटेरियल आपूर्तिकर्ताओं, डेवलपरों, वास्तुकारों और विशेषज्ञों समेत सभी साझेदारों से बातचीत के बाद तैयार किया गया है। कोड में सूचीबद्ध मापदंडों जलवायु और ऊर्जा संबंधी आंकड़ों का इस्तेमाल कर अनेक मानकों के आधार पर विकसित किया गया है। कोड के पहले भाग की शुरुआत ऊर्जा की बचत वाली रिहायशी इमारतें डिजाइन करने के मकसद से की गई है। इसमें इमारत के अंदर के हिस्से को शुष्क, गर्म और ठंडा रखने व इमारत के बाहरी हिस्से की नींव के लिए न्यूनतम मानक तय किए गए हैं।
इसे लागू करने वाला पहला राज्य बना हिमाचल : हिमाचल प्रदेश में इसे लागू कर दिया गया है जहां अब ऊर्जा संरक्षण नियम पूरा करने वाले भवनों के ही नक्शे पास हो सकेंगे। वहीं देश के लगभग दस से ज्यादा राज्यों ने अपने प्रदेशों में इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। जबकि राजस्थान, आेडिशा, उत्तराखंड, पंजाब, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आैर पुदुचेरी के विद्युत विभाग द्वारा इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
इन स्थानों पर लागू करना जरूरी होगा : छत्तीसगढ़ में अभी इस कोड को सामुदायिक भवनों आैर सरकारी भवनों पर ही लागू करने की प्लानिंग की गई है। जबकि दूसरे चरण में उन सभी व्यावसायिक समूहों शॉपिंग मॉल, व्यावसायिक भवनों, होटल, रेस्तरां, समारोह स्थान, सिनेमाघर, सभागार, क्लब, गोष्ठी केंद्र, कार्यालय भवन, बैंक और अस्पताल जैसे भवनों में लागू किया जाना अनिवार्य होगा, जिनकी बिजली खपत 100 किलोवाट या उससे अधिक है। राज्य में इसे 50 किलोवाट तक की खपत वाले भवनों में अनिवार्य किया जाएगा।