- जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक में पांच अहम फैसले
- जीएसटी रिटर्न की समय सीमा 30 अगस्त तक बढ़ी
नई दिल्ली | मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जीएसटी काउंसिल की पहली और अब तक की 35वीं बैठक शुक्रवार को हुई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में कंज्यूमर और कारोबारियों से जुड़े पांच प्रमुख फैसले किए गए। सबसे अहम फैसला जीएसटी घटने के बावजूद दाम नहीं घटाने वाले दुकानदारों और कंपनियों पर 10% जुर्माना लगाने का हुआ है।
इसके अलावा मल्टीप्लेक्स में फिल्म के लिए अब अनिवार्य तौर पर ई-टिकट जारी करने होंगे। ई-टिकट का मतलब ऑनलाइन टिकट नहीं है। यह कारोबारियों के लिए जारी ई-इनवाइस सिस्टम की तरह है, जिसके जरिए सरकार मल्टीप्लेक्स में बिके टिकटों का हिसाब रख सकेगी।
राजस्व सचिव एबी पांडेय ने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए आधार के जरिए रजिस्ट्रेशन का फैसला किया गया है। जीएसटी एंटी-प्रॉफििटयरिंग अथॉरिटी का कार्यकाल भी दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। सालाना रिटर्न भरने की समय सीमा 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दी गई है। नया जीएसटी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम जनवरी 2020 से लागू होगा।
मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट के जरिए टैक्स चोरी रोकना चाहती है सरकार
1 ई-टिकट के जरिए टिकट का हिसाब रखा जाएगा : अभी कुछ मल्टीप्लेक्स में मैन्युअल टिकट भी बनते हैं। सरकार को अभी तक यह जानकारी नहीं होती है कि किस मल्टीप्लेक्स में कितने टिकट बिके हैं। जैसे व्यापारियों के लिए ई-इन्वॉइस का सिस्टम बनाया गया है, जिसमें सामान भेजने का पूरा रिकॉर्ड सरकार को पता चल जाएगा, उसी तक मल्टीप्लेक्स के लिए ई-टिकट लाया गया है। यह ई-टिकट एक टैक्स ई-इन्वॉइस है। सरकार को लगता है कि इससे टैक्स चोरी रुकेगी।
2 जीएसटी घटने के बाद दाम नहीं घटते, इसलिए जुर्माने का फैसला : जीएसटी रेट घटने के बाद भी कई कंपनियां दाम नहीं घटाती हैं। ऐसी शिकायतों को देखते हुए जुर्माने का फैसला हुआ है। मसलन किसी सामान पर टैक्स 18% से 12% होता है तो दुकानदार को तत्काल 6% दाम घटाने होंगे। वरना 10% जुर्माना होगा।
3 इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% टैक्स, 8 लाख की कार 50 हजार रु. सस्ती : इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी स्लैब घटाया गया है। अब इसे 12% से 5% किया गया है। इससे 8 लाख रुपए तक की इलेक्ट्रिक कार 50 हजार रुपए तक सस्ती होगी। सरकार ई-वाहनों के रजिस्ट्रेशन में भी रियायत का फैसला ले चुकी है।
4 दो माह तक रिटर्न नहीं भरा तो ई-वे बिल जनरेट नहीं होगा : सरकार को लगता है कि जीएसटी चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। इसे रोकने के लिए फैसला हुआ कि कारोबारी को सामान की खरीद-फरोख्त की जानकारी हर महीने देनी होगी। इससे जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा, टैक्स चोरी रुकेगी।
5 राज्य और क्षेत्र में टैक्स विवाद निपटाने एपीलेट ट्रिब्यूनल बनेंगे : कारोबारियों की शिकायत रहती है कि टैक्स विवाद के निपटारे में काफी लंबा समय लग जाता है। इसलिए अब टैक्स विवाद निपटाने के लिए राज्यों में ट्रिब्यूनल बनेंगे। बड़े राज्यों में एक से ज्यादा ट्रिब्यूनल बन सकते हैं।