हेल्थ डेस्क. वैज्ञानिकों ने फेसबुक पर लिखी गई पोस्ट से डिप्रेशन और ड्रग एडिक्शन के मामलों का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यूजर की प्रोफाइल देखकर बताया जा सकता है कि वह किस बीमारी से जूझ रहा है। जैसे- उसकी समस्या कितनी गंभीर हो सकती है, वह किस परेशानी से जूझ रहा है। इसे समझने के लिए उसकी उम्र और लिंग पूछने की भी जरूरत नहीं होती है।
शोधकर्ताओं ने 21 तरह की समस्याओं को पहचाना
- अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसे समझने के लिए 999 लोगों को रिसर्च में शामिल किया। इनकी फेसबुक प्रोफाइल पर मौजूद 9,49,530 पोस्ट में से 2 करोड़ शब्दों का चुनाव किया गया। इन शब्दों के आधार पर शोधकर्ताओं ने 21 तरह की दिक्कतों को पहचाना। इनमें प्रेग्नेंसी, पेट से जुड़े रोग, स्किन डिसऑर्डर, बेचैनी, मोटापा और ड्रग-अल्कोहल एडिक्शन शामिल था।
ड्रिंक और बॉटल जैसे शब्द बताते हैं अल्कोहल एडिक्शन
शोधकर्ताओं के मुताबिक, मरीज के फेसबुक डाटा की मदद से कई बातों की सटीक जानकारी दी जा सकती है। फेसबुक पोस्ट में ड्रिंक, ड्रंक, बॉटल जैसे शब्द अल्कोहल एडिक्शन की ओर इशारा करता है। इसके अलावा डम्ब, बुलश**ट जैसे शब्द ड्रग लेने और मानसिक संतुलन बिगड़ने की बात बताते हैं।
- पोस्ट में स्टमक, हेड, हर्ट जैसे शब्दों का प्रयोग बताता है कि मरीज सायकोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे डिप्रेशन से जूझ रहा है। गॉड, फैमिली और प्रे जैसे शब्दों का प्रयोग करने वाले मरीजों में डायबिटीज के मामले देखे गए।
डायबिटीज और मेंटल डिसऑर्डर का पता लगाया जा सकेगा
यह विश्लेषण कितना सही है, इससे जानने के लिए शोध में शाामिल सभी लोगों की मेडिकल हिस्ट्री भी जानी गई। नतीजों में शोधकर्ताओं ने पाया, डायबिटीज और बेचैनी, डिप्रेशन जैसे मानसिक रोगों का अनुमान सही साबित हुआ। ऐसे रोगों को पता लगाने के लिए ये तरीका बेहतर है।
बीमारी को शुरुआती स्तर पर रोकना आसान होगा
शोधकर्ता डॉ. रैना मर्चेंट के मुताबिक, फेसबुक की पोस्ट में मौजूद शब्द बीमारी की पूरी जानकारी तो नहीं देते लेकिन उस स्थिति की ओर इशारा करते हैं जिससे मरीज जूझ रहा है। भविष्य में ऐसे डाटा की मदद से बीमारी को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सकता है।