मुंबई. दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं के एक लाख करोड़ रुपए फंस गए हैं। कंपनी के 1,135 करोड़ रुपए से अधिक के भगतान में डिफॉल्ट करने के बाद अब इस पैसे को लेकर विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं। इसका गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (एचएफसी), रियल एस्टेट, ऑटो और एमएसएमई सेक्टर में खासा असर पड़ सकता है। यह बात ग्लोबल रिसर्च और अंतरराष्ट्रीय ब्रोकिंग फर्म सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कही है।
म्यूचुअल फंडों के निवेश में 75% की कमी आ सकती है
- डीएचएफएल को दिए गए 1 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में 50% पैसा बैंकों ने दिया है। शेष रकम इसे बीमा कंपनियों और म्यूचुअल फंड्स से मिली है। लगभग 10% पैसा डिपॉजिट के माध्यम से आम लोगों का है। म्यूचुअल फंडों का डीएचएफएल में सीधा निवेश 5,000 करोड़ रुपए का है। इसमें 75% की कमी आ सकती है। बॉन्ड में किए गए निवेश पर बैंकों को सीधे (मार्केट- टू-मार्केट) नुकसान ही 12% का हो सकता है। लेकिन लोन प्रोविजनिंग में यह नुकसान काफी बड़ा हो सकता है।
- वित्तीय सेक्टर में इसका लंबे समय तक असर होगा। फंड की लागत में बढ़ोतरी होगी। केवल अच्छी रेटिंग और मजबूत बैलेंस शीट वाली एनबीएफसी को ही कर्ज मिलेगा। पिछले साल आईएलएंडएफएस संकट के बाद भी यही स्थिति पैदा हुई थी। रिजर्व बैंक को नकदी बढ़ाने के लिए और अधिक उपाय करने पड़ सकते हैं।
कंपनी के चेयरमैन ने कहा- 35 हजार करोड़ रु. चुकाए, शेष रकम 7 दिन में चुका देंगे
दिवालिया नहीं होगी कंपनी, 7 दिन में एनसीडी का बकाया चुका देंगे
डीएचएफएल के चेयरमैन कपिल वाधवान ने कहा है कि कंपनी दिवालिया नहीं होने जा रही है। उसे कर्जदाताओं ने संकट से उबरने कर्ज देने के लिए आश्वस्त किया है। उनकी होल्डिंग कंपनी ने कई बिजनेस की बिक्री की है। वह 7 दिन के अंदर एनसीडी का बकाया चुका देंगी। कंपनी ने सितंबर 2018 के बाद आए नकदी के संकट के बाद अब तक 35,000 करोड़ रुपए चुकाए हैं।डीएचएफएल ने 29 हजार करोड़ रुपए एनसीडी से जुटाए हैं
रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क करीब 58,000 करोड़ रुपए के कर्ज को डाउनग्रेड कर चुकी हैं। इसमें नाॅन-कनवर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) में लगाए गए 29,000 करोड़ रुपए और 8,940 करोड़ रुपए की एफडी शामिल है।
आधार हाउसिंग की हिस्सेदारी ब्लैकस्टोन को बेचने से मिलेगा पैसा
फरवरी में वाधवान होल्डिंग्स ने सस्ते घरों के लिए कर्ज देने वाली कंपनी आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में अपनी 70% हिस्सेदारी ब्लेकस्टोन को बेच दी थी। डीएचएफएल की आधार हाउसिंग में 9.15% हिस्सेदारी थी। उसने भी यह हिस्सेदारी बेच दी थी। अवांश फाइनेंस में 49.04% हिस्सेदारी बेचने के लिए वारबर्ग पिनकस ग्रुप के साथ सौदा किया था।
एक पखवाड़े में 36% गिरे डीएचएफएल के शेयर
तारीख शेयर प्राइस (रुपए) 21 मई 130 22 मई 117.55 23 मई 115.75 28 मई 115.75 31 मई 111.55 6 जून 111.55 7 जून 83.25 रियल एस्टेट की कीमतों मे गिरावट नहीं आएगी
डीएचएफएल संकट की वजह से रियल एस्टेट बाजार में में तेजी से गिरावट नहीं आएगी। केवल निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में शॉर्ट टर्म में असर दिखाई देगा। यह संकट असेट-लाइबिलिटी मिसमैच के कारण पैदा हुआ। -जी चोकलिंगम, एमडी, इक्विनॉमिक्स (रिसर्च फर्म )
- डीएचएफएल में किस बैंक की कितनी हिस्सेदारी
बैंक कर्ज में हिस्सा यूनियन बैंक 12% यस बैंक 11% बैंक ऑफ इंडिया 11% बैंक ऑफ बड़ौदा 8% कैनरा बैंक 7% एसबीआई 5% इंटर. इन्वेस्टमेंट बैंक 4% पंजाब नेशनल बैंक 4% आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 3% एक्सिस बैंक 1% आईसीआईसीआई बैंक 0.6% कोटक बैंक 0.5% एचडीएफसी बैंक 0.2%