दिल्ली /एक साथ चुनाव पर 14 दल सहमत, 16 असहमत; कांग्रेस फिलहाल चुप

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  • CN24NEWS-20/06/2019

नई दिल्ली . लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने को लेकर बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में 39 दलों में से 21 के प्रमुख पहुंचे। कांग्रेस, टीएमसी, टीआरएस, सपा और बसपा बैठक से दूर रहीं। जबकि यूपीए में शामिल एनसीपी, आरजेडी ने बैठक में भाग लिया। यूपीए में कंफ्यूजन की स्थिति होने से उसकी बुधवार सुबह होने वाली बैठक रद्द कर दी गई, क्योंकि एनसीपी से संकेत मिले थे कि उनके नेता बैठक में जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की दोनों प्रमुख पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूख अब्दुल्ला और पीडीपी से महबूबा मुफ्ती बैठक में गईं।

बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी इस मुद्दे पर सुझाव लेकर विचार करने के लिए समिति बनाएंगे। यह समिति निर्धारित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी और उसके आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मिली-जुली समिति होगी।

मुद्दे पर सुझाव लेने अाैर विचार करने के लिए पीएम माेदी समिति बनाएंगे

14 दल पक्ष में, उनके तर्क 

  • हर साल औसतन 3-4 राज्यों में चुनाव होते हैं। एक साथ चुनाव से सरकारी खर्च चौथाई रह जाएगा।
  • सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षा बलों की बार-बार तैनाती नहीं होगी।
  • बार-बार आदर्श आचार संहिता लागू नहीं करनी पड़ेगी। नीतिगत फैसले लिए जा सकेंगे।
  • कालेधन पर रोक लग सकेगी।
  • ये पाटियां हैं : भाजपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, जेडीयू, लोजपा, अपना दल, अकाली दल, आजसू आदि।

14 खिलाफ, उनके तर्क

  • एक साथ चुनाव से विधानसभाओं के कार्यकाल बढ़ाए-घटाए जाएंगे। राज्यों की स्वायत्तता प्रभावित होगी।
  • यह संविधान के खिलाफ है।
  • लॉ कमीशन के अनुसार, 2019 में साथ चुनाव होते तो 4,500 करोड़ रु. की नए ईवीएम खरीदनी पड़ती।
  • राष्ट्रीय पार्टियां बढ़ेंगी और क्षेत्रीय पार्टियों का दायरा घटेगा।
  • ये पाटियां हैं : डीएमके, आरजेडी, वीसीके, पीडीपी, टीआरएस, सीपीआईएम, एआईएमआईएम, टीडीपी, एआईएडीएमके आदि।

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