नई दिल्ली. जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि के मौके पर रविवार को भाजपा मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। नड्डा ने कहा, ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच होनी चाहिए थी। देश की जनता भी मांग कर रही थी, लेकिन तब के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं किया। इतिहास इस बात का गवाह है। भाजपा उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगी।’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉ मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाने का फैसला किया है। इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘तृणमूल को समझ में आ गया है कि देश में हिंदुत्व से जीतने के लिए बंगाली पहचान काफी नहीं है, इसलिए वह अब डॉ मुखर्जी को अपना नेता बताने की कोशिश कर रही है।’ केंद्र सरकार ने कोलकाता के केयोरतला बर्निंग घाट पर डॉ मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई।
मुखर्जी की रहस्यमय हालात में मौत हुई थी
डॉ मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुआ था। उनका संकल्प जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना था। उन्होंने संसद में अपने भाषण में धारा-370 को समाप्त करने की भी वकालत की थी। डॉ मुखर्जी अपने संकल्प को पूरा करने के लिए 1953 में बगैर इजाजत जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े थे। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हुई थी।