मुंबई. वानखेड़े स्टेडियम के लीज का मामला शुक्रवार को विधानसभा में उठा। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अपने लिखित जवाब में सदन को बताया कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) को महाराष्ट्र जमीन राजस्व संहिता-1966 की धारा-53 के अंतर्गत लीज रिन्यूअल करने के लिए 120,16,17,085 रुपये भरने की नोटिस जिलाधिकारी (शहर) की ओर से दिया गयाई है। फिलहाल, एमसीए की ओर से अब तक भुगतान नहीं किया गया है।
राजस्व मंत्री पाटिल ने विधानसभा को इस मसले पर 18 जून को मुंबई शहर के जिलाधिकारी द्वारा सुनवाई किए जाने की जानकारी दी। इस संबंध में जिलाधिकारी शिवाजी जोंधले ने बताया कि 18 जून की सुनवाई के दौरान एमसीए की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। उनकी ओर से जुलाई महीने में अगली सुनवाई रखने का निवेदन किया गया। अब इस मसले की सुनवाई जुलाई महीने में रखी गई है। जोंधले ने बताया कि एमसीए को 120 करोड़ रुपये भरने का जो नोटिस जारी किया गया था, अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ है। हालांकि अब जल्द ही सुनवाई होने के बाद इस संबंध में आदेश जारी किया जा सकता है।
1 रुपये और 10 पैसे में 50 साल की लीज
वानखेड़े स्टेडिएम करीब 43,977.93 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। दक्षिण मुंबई जैसे पाॅश इलाके में इतनी बड़ी और बेशकीमती जमीन को 50 साल के लिए महाराष्ट्र सरकार के लोकनिर्माण विभाग ने 6 फरवरी 1968 में एमसीए को लीज पर दिया था। लीज की यह मियाद 5 फरवरी 2018 को ही खत्म हो गई है। इसी वजह से 16 अप्रैल 2019 को राज्य सरकार की ओर से मुंबई शहर के जिलाधिकारी ने एमसीए को नोटिस जारी कर 120 करोड़ रुपये भरने को कहा।
महत्वपूर्ण है कि एमसीए और राज्य सरकार के बीच 1968 में लीज का जो करार हुआ है। उसके अनुसार एमसीए को वानखेड़े स्टेडियम की खुल जगह के लिए मात्र 10 पैसे प्रति वर्ग गज और स्टेडिम के भीतर जितना निर्माण किया गया है। उसके लिए एक रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से भुगतान करना था। मगर अब एमसीए लीज रिन्यूअल और बकाया राशि के भुगतान करने से कतराती फिर रही है।