लाइफस्टाइल डेस्क. ग्लोबल मार्केट में इजरायली आम की बादशाहत बरकरार है। यहां हर साल 50 हजार टन आमों का उत्पादन होता जिसमें से 20 हजार टन दुनियाभर के कई देशों निर्यात किए जाते हैं। इनकी पांच किस्म ऐसी भी है जिसका पेटेंट और दूसरे देशों में नहीं उगया जात सकता है। जानिए ये क्यों हैं खास….
हर साल नए हिस्से में पौधरोपण कर बढ़ाते हैं पैदावार
इतिहास : 1920 में हुई इजरायली आम की शुरुआत
इजरायल में आम की पैदावार 1920 में शुरू हुई थी। इसे बेहतर बनाने और नई प्रजातियों को विकसित करने के लिए ‘मैंगो प्रोजेक्ट’ की शुरुआत हुई। सालों की रिसर्च के बाद देश ने अपनी आम की किस्में विकसित कीं। ये ऐसी प्रजाति थीं जो अधिक गर्म तापमान में भी बढ़ने में समर्थ थीं। माया, सबसे पहली इजरायली आम की प्रजाति है। इसके अलावा शैली, ओमर, नोआ, टाली, ऑर्ली और टैंगो भी यहां विकसित की गईं। इजरायल के पास आमों की 8 प्रजातियों का पेटेंट है, जिसे कहीं और नहीं उगाया जा सकता।
खेती: जून से दिसंबर तक होती है कटाई
इजरायल में 90 फीसदी आमों की पैदावार गिलबोआ और 10 फीसदी सेंट्रल अरावा व जॉर्डन वैली में होती है। यहां आमों की काफी वैरायटी हैं और इनकी खासियत के मुताबिक कटाई का समय भी अलग-अलग होता है। 15 जून से लेकर दिसंबर तक आमों की कटाई की जाती है। जून से अगस्त के बीच अरावा में पैदा होने वाली हादेन, टॉमी और माया प्रजाति तोड़ ली जाती है। अगस्त में शेली, नोआ, ओमर और सितंबर में केंट की कटाई की जाती है।
मार्केट : हर साल 50 हजार टन आमों का उत्पादन
इजरायल में हर साल 50 हजार टन आमों का उत्पादन किया जाता है। इसमें से 20 हजार टन आम को यूरोप, फ्रांस, नीदरलैंड, गाजा, वेस्ट बैंक और रशिया जैसे देशों में निर्यात किया जाता है। 30 हजार टन स्थानीय बाजारों में बिक्री के लिए भेजा जाता है। यहां हर साल 100-150 हेक्टेयर नए हिस्से में पौधरोपण किया जाता है ताकि धीरे-धीरे आमों की पैदावार को बढ़ाया जा सके। औसतन एक हेक्टेयर में यहां 30-40 टन आम की पैदावर होती है जबकि दूसरे देशों में 10 टन प्रति हेक्टेयर ही पैदावार हो पाती है।
डिमांड : कायम है बादशाहत
ग्लोबल मार्केट में यहां के आमों का खास रुतबा है। यूरोपियन मार्केट में 20 फीसदी इजरायली आमों का हिस्सा है। आम के मामले में इजरायल के सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी देश पश्चिम अफ्रीका, ब्राजील और मैक्सिको हैं। खास किस्म के कारण साल दर साल यहां के आमों की मांग में इजाफा हो रहा है। दुनिया में बढ़ती मांग के कारण यहां नई प्रजाति को उगाने के लिए रिसर्च की जा रही है।
कैसे तैयार होते हैं इसके खास आम
इनकी पैदावार विशेषज्ञों की देखरेख में होती है। आम के पौधों की सिंचाई और उर्वरक के इस्तेमाल पर खास ध्यान दिया जाता है। इसकी खेती में रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है। नुकसान पहुंचाने वाली फ्रूट फ्लाई को पेड़ों के आसपास नहीं आने दिया जाता। इस तरह पेड़ कुदरती माहौल में ये बढ़ते हैं।
कहां-कितनी आम की पैदावार
देश उत्पादन (टन में) इजरायल 50,000 भारत 15,026 चीन 4,351 थाईलैंड 2,550 पाकिस्तान 1,845