रांची. जिस मां को अपने कलेजे के टुकड़े को फेंकने में करुणा नहीं उमड़ी, उस नवजात की कारुणिक पुकार सुन एक महिला विह्वल हो उठी। और पांच-छह दिन के मासूम की जान बच गई। एक झोले में रखकर उसे शनिवार को हटिया रेलवे स्टेशन पार्किंग परिसर के बगल में पीपल पेड़ के नीचे किसी ने फेंक दिया था। लेकिन नामकुम के कोचांग की रहने वाली रीता कच्छप की नजर हिलते झोले पर पड़ी। उससे रोने की आवाज आ रही थी। वह करीब पहुंची तो देखा कि पांच-छह दिन का मासूम उसमें पड़ा है।
इसके बाद वह हटिया रेल थाना लेकर बच्चे को पहुंची। वहां से स्थानीय रेलवे अस्पताल हटिया भेजा गया। हटिया रेल थाना प्रभारी ने इस मामले की जानकारी सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन रूपा वर्मा को दी। चेयरमैन ने सहयोग विलेज के प्रतिनिधि को भेजकर बच्चा को अपने संरक्षण में ले लिया। रूपा वर्मा ने बताया कि मासूम पूरी तरह स्वस्थ है। उसे सहयोग विलेज में रखा गया है।
बच्चे को गोद लेने के लिए उमड़े लोग
लावारिस मासूम के फेंके जाने की जानकारी मिलने पर कई लोग बच्चे को गोद लेने की मांग करने लगे। लेकिन जेल गाइडलाइन के अनुसार किसी को भी ऐसे बच्चा नहीं दिया जा सकता। सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन ने कहा कि गाइडलाइन की जानकारी नहीं होने की वहज से लोग बच्चे लेने की जिद करने लगे थे। नियमानुसार बच्चे के अभिभावक का इंतजार किया जाएगा। किसी के दावा नहीं करने की स्थिति में बच्चे को एडऍप्शन में डाला जाएगा।