बीकानेर. माॅनसून ने अभी पूरे देश काे तर भी नहीं किया, लेकिन राजस्थान की धरती की प्यास बुझाने वाले तीनाें डैम पहले से ही भरने लगे हैं। पाैंग डैम में पिछले साल की तुलना में इस बार 48 फीट ज्यादा पानी है। डैम में रविवार काे जलस्तर 1331 फीट है जबकि पिछले साल 1283 फीट था जाे डैम का सबसे न्यूनतम स्तर है।
भाखड़ा डैम 1605 फीट तक भरा है जाे पिछले साल से 97 फीट ज्यादा है। पिछले साल यहां 1508 फीट था। रणजीत सागर 512 फीट तक पानी भरा है जबकि पिछले साल 502 फीट तक भरा था। पंजाब और हरियाणा में अभी मानसून भी एक्टिव नहीं हुआ। हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बाद रावी और सतलज नदियाें का जलस्तर बढ़ेगा। पिछले साल पांच लाख क्यूसेक तक डैम में आया था। अभी पाैंग डैम सिर्फ 70 फीट ही खाली है। अगर पिछले साल जितना इनफ्लाे आया ताे तीन से चार दिन में डैम लबालब हाे जाएगा।
यही स्थिति भाखड़ा डैम की है। अगर एक सप्ताह में ही डैम भर गए ताे पंजाब में बाढ़ के हालात न बनें इसलिए पानी फिर पाकिस्तान की ओर छाेड़ा जाएगा। भाखड़ा डैम से इसीलिए पानी कुछ दिन पहले निकाला गया था ताकि पंजाब में बाढ़ न आए और मानसून में डैम में पानी छाेड़ा जा सके लेकिन डैम ज्यादा खाली न हाेने से इस बार फिर से पानी पाकिस्तान जाने की तैयारी है। अधिकारी भी हालात समझ रहे हैं लेकिन उनके पास भी काेई विकल्प नहीं है।
डैम पानी इसलिए दिया जा रहा चार समूह में पानी
पाैंग डैम में अर्से बाद पानी ज्यादा हाेने के कारण खरीफ में चार समूह में पानी दिया गया जबकि बीते एक दशक से खरीफ की फसल काे कभी चार समूह में पानी नहीं दिया गया। चूंकि इस बार बर्फ पिघलने से पानी ज्यादा आया इसलिए किसानाें काे मनमाफिक पानी दिया गया। अभी भी 12 जुलाई तक के जारी रेग्युलेशन में चार समूह में ही पानी चलाया जा रहा है और आगे भी चार समूह में पानी दिया जाएगा। तब तक बारिश आ जाएगी और नहराें से पानी की मांग भी कम हाे जाएगी।
^मानसून के रुख पर नजर है। फिलहाल डैम की स्थिति पिछले साल से मजबूत है। आगे क्या हालात बनते हैं वाे मानसून के रुख पर निर्भर है। जाे स्थिति हाेगी उसका सामना किया जाएगा। – विनाेद मित्तल, मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ जल संसाधान