रिसर्च /कैंसर रोगियों में दर्द और थकान कम करता है संगीत, रोज 30 मिनट भजन सुनना भी कारगर

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  • CN24NEWS-19/06/2019
  • ताइवान के युआंस जनरल हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 60 महिलाओं पर हुई रिसर्च
  • सर्जरी के बाद म्यूजिक थैरेपी लेने पर हफ्ते-दर-हफ्ते दर्द और थकान घटी
  • हेल्थ डेस्क. रोज 30 मिनट तक संगीत सुनना कैंसर रोगियों में दर्द को कम करता है। यह दावा ताइवान के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब कैंसर रोगी म्यूजिक सुनते हैं तो उनके मस्तिष्क में ऐसे रसायन निकलते हैं जो खुशी और सकारात्मक अहसास जगाते हैं।

    मस्तिष्क में बनते हैं खुशी वाले रसायन

    1. ताइवान के युआंस जनरल हॉस्पिटल में हुए शोध के अनुसार, कैंसर के इलाज के दौरान मरीज थकान और दर्द से गुजरता है। ऐसी स्थिति में रोजाना 30 मिनट का संगीत सुनने पर मस्तिष्क से एंडॉर्फिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो उन्हें खुशी महसूस कराते हैं।
    2. शास्त्रीय और धार्मिक संगीत फायदेमंद

      शोधकर्ताओं ने यह शोध ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 60 महिलाओं पर किया। इन्हें दो समूहों में बांटा गया। पहले समूह को रोज संगीत सुनाया गया। यह संगीत बेहद सुकून देने वाला था। संगीत का चुनाव विशेषज्ञों ने किया। इसमें क्लासिकल, परंपरागत ताइवानी और धार्मिक संगीत शामिल था, जिसका मरीजों पर सकारात्मक असर देखा गया। दूसरे समूह को प्राकृतिक संगीत जैसे नदी के पानी की आवाज सुनाई गई, लेकिन इसका मरीजों पर कोई असर नहीं हुआ।

    3. नकारात्मक विचार आने कम हुए

      शोध के दौरान सर्जरी से पहले महिलाओं से थकान, दर्द जैसे लक्षणों के बारे में जाना गया। सर्जरी के 6, 12 और 24 हफ्तों के बाद दोबारा लक्षण जाने गए। नतीजे के तौर पर सामने आया कि जिन मरीजों को सर्जरी के बाद म्यूजिक थैरेपी दी गई उन्हें हफ्ते-दर-हफ्ते दर्द और थकान कम महसूस हुई। ऐसे मरीजों में नकारात्मक विचार आने भी कम हो गए।

    4. भारत में कैंसर के 2.25 करोड़ मरीज

      शोधकर्ता डॉ. फेंगची का कहना है, लंदन में हर साल 3 लाख 60 हजार और अमेरिका में 18 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं। ऐसे रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने में संगीत अहम रोल अदा कर सकता है। भारत में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, भारत में 2.25 करोड़ कैंसर के मरीज हैं। इनमें पुरुषों का आंकड़ा ज्यादा है।

    5. भारत में भी संगीत से कैंसर को हराने की कोशिश जारी

      पुणे के वाद्य साधक पं. मिलिंद तुलणकर कैंसर और कोमा सहित कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को संगीत चिकित्सा (म्यूजिक थैरेपी) से रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं। जलतरंग के साथ कुछ अन्य वाद्य यंत्रों के जरिए 13 साल से वे म्यूजिक थैरेपी देते आ रहे हैं। इस दौरान भारत सहित 15 देशों के 170 शहरों में तीन हजार से अधिक लोगों को भी वह संगीत चिकित्सा कार्यशाला के जरिए म्यूजिक थैरेपी का कॉन्सेप्ट सिखा चुके हैं।

    6. 13 साल पहले दिखा था मरीज पर असर

      पं. मिलिंद ने बताया भारतीय शास्त्रीय संगीत एक साइंटिफिक म्यूजिक है। पुणे के सिपला कैंसर रिसर्च सेंटर में वह एडवांस स्टेज के कैंसर पेशेन्ट के बीच वाद्य संगत करते थे। करीब 15 साल पहले कैंसर की एक महिला मरीज जलतरंग की धुनों को सुनने के बाद स्वयं उठकर खड़ी हो गई, जबकि वह खुद उठने में भी अक्षम थी। इसके बाद मिलिंद ने संगीत चिकित्सा को ही अपना जीवन बना लिया। मिलिंद का कहना है म्यूजिक मेमोरी खत्म नहीं होती। वह मृत्यु के साथ ही व्यक्ति के साथ जाती है।

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