नई दिल्ली. शेयर बाजार सोमवार को खुलेगा तो उसका रुख काफी हद तक वैश्विक उठापटक के साथ सरकार की बजट नीतियों से तय होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका-ईरान के बीच चल रहा विवाद, अमेरिका-भारत ट्रेड वॉर और मोदी सरकार की बजट को लेकर बनाई नीतियां बाजार का भविष्य तय करेंगी। पिछले सप्ताह हालात बेहतर नहीं रहे थे। सेंसेक्स .65% तक गिरा तो शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होते समय डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे तक गिर गया।
अमेरिका-ईरान विवाद से बाजार सुस्त हुआ
- पिछले सप्ताह अमेरिका-ईरान विवाद से बाजार सुस्त हो गया। ईरान ने दो ऑयल टैंकरों को निशाना बनाने के साथ अमेरिका के एक ड्रोन को भी मार गिराया। निवेशक इस विवाद पर लगातार नजर रख रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका ईरान पर हमला कर देता तो हालात और ज्यादा खराब हो सकते थे, लेकिन विवाद जारी रहा तो भी इक्विटी मार्केट पर असर तो पड़ेगा ही।
- सेमको के सीईओ जिमीत मोदी के मुताबिक- सरकार की बजट को लेकर क्या नीतियां रहती हैं, इसका असर भी बाजार पर पड़ेगा। तेल की कीमतें और रुपए की मूवमेंट भी बाजार की उठापटक को तय करेगी। रेलिगेर ब्रोकिंग लि. के प्रमुख जयंत मांगलिक का कहना है कि मानसून भी बाजार का रुख तय करने में भूमिका अदा कर सकता है।
विकास दर कम रहने का असर भी बाजार पर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च में विकास (जीडीपी) दर घटकर 5.8% तक पहुंच गई है। पिछले 9 महीने में देश में कृषि, उद्योग और मैनुफैक्चरिंग जैसे अहम सेक्टर्स में मंदी के चलते जीडीपी दर में यह गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह से भी बाजार में सुस्ती आनी तय है। विकास दर अच्छी होने से बाजार पर सकारात्मक असर पड़ता है।
ट्रेड वॉर से भी बाजार पर असर होना तयः एक्सपर्ट्स
बाजार से जुड़े लोगों का कहना है कि ट्रेड वॉर भी बाजार का भविष्य तय करने में अहम भूमिका अदा करेंगे। अमेरिका-भारत और अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर शुरू हो गया है। अमेरिका ने जहां भारत को दिए जा रहे विशेष दर्जे को खत्म कर दिया है तो चीन के माल पर टैरिफ 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया है। भारत ने भी अमेरिका के 25 उत्पादों पर टैरिफ लगा दिया है।