नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत इन दिनों विवादों में हैं। हाल ही में उन्होंने निखिल जैन से शादी की है। शादी के बाद 25 जून को नुसरत पहली बार संसद पहुंचीं और संसद के सदस्यता की शपथ ली। इस दौरान उनके गले का मंगलसूत्र और मांग का सिंदूर चर्चा का विषय बन गया। इसी के चलते नुसरत जहां के खिलाफ फतवा देवबंद के धर्मगुरुओं ने जारी कर दिया। उनका कहना है कि मुस्लिम लड़कियों को सिर्फ मुस्लिम लड़कों से ही निकाह करना चाहिए। अब इस पर नुसरत ने उन्हें करारा जवाब दिया है।
अपने ट्विटर अकाउंट पर नुसरत जहां ने जवाब में लिखा, ‘मैं पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करती हूं, जो जाति, धर्म और पंथ की सीमाओं से परे है। जहां तक मेरी बात है तो मैं सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करती हूं। मैं अब भी मुस्लिम हूं।’
Paying heed or reacting to comments made by hardliners of any religion only breeds hatred and violence, and history bears testimony to that.. #NJforInclusiveIndia #Youthquake #secularIndia pic.twitter.com/mHmINQiYzj
— Nusrat (@nusratchirps) June 29, 2019
नुसरत ने आगे लिखा, ‘उन लोगों को इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए कि मैं क्या पहनूं और क्या नहीं। आपका विश्वास पहनावे से परे होता है। सभी धर्मों के मूल्यवान सिद्धांतों में विश्वास करने और उन्हें मानना कहीं ज्यादा बड़ी बात है।’
इससे पहले मुस्लिम धर्मगुरु असद वसमी ने कहा था, ‘जांच के बाद पता चला कि नुसरत ने जैन धर्म के युवक से शादी की है। इस्लाम कहता है कि मुस्लिम की शादी मुस्लिम से होनी चाहिए। नुसरत एक अभिनेत्री हैं और अभिनेता-अभिनेत्री धर्म की फिक्र नहीं करते। जो उनका मन करता है, वही करते हैं। इसी का प्रदर्शन उन्होंने संसद में किया।’
नुसरत जहां के पति निखिल कोलकाता के बिजनेसमैन हैं। दोनों ने हाल ही में तुर्की में करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों की मौजूदगी में शादी की थी। खबर है कि 4 जुलाई को कोलकाता में दोनों एक भव्य रिसेप्शन पार्टी देंगे।
समर्थन में उतरीं साध्वी प्राची
उधर इस मामले में भाजपा नेता साध्वी प्राची ने नुसरत का बचाव करते हुए कहा कि अगर मुस्लिम महिला हिंदू से शादी करती है और बिंदी, बिछुवा, मंगलसूत्र और सिंदूर लगाती है तो मुस्लिम मौलवी उसे हराम बताते हैं। मुझे उनकी अक्ल पर तरस आता है, क्योंकि जब मुस्लिम युवक लव जिहाद के नाम पर हिंदू बेटियों को फंसाते हैं और उन्हें बुर्का पहनने के लिए कहते हैं तो वो हराम नहीं है। उनके लिए ये ठीक है।’