आंध्र प्रदेश : चंद्रबाबू के रिवर फ्रंट बंगले को भी गिराने की तैयारी, हफ्तेभर में खाली करने का नोटिस

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अमरावती. आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) ने कृष्णा नदी के किनारे स्थित बंगले को अवैध निर्माण बताते हुए नोटिस जारी किया है। इसे पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लीज पर ले रखा है और वे यहां पिछले तीन साल से रह रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि नियमों के हिसाब से नदी के आसपास 100 मीटर के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता है। दूसरी ओर, तेदेपा ने नोटिस को राजनीतिक दुर्भावना की कार्रवाई करार दिया है।

मालिक से कहा- एक हफ्ते में बंगला खाली करा लें

  1. सीआरडीए के जोनल अधिकारी नरेंद्र रेड्डी शुक्रवार को नायडू के बंगले पर पहुंचे और इसके मालिक एल रमेश के नाम नोटिस से मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा कर दिया। इसमें मालिक से कहा गया है कि वे किरायदार से एक हफ्ते में बंगला खाली करा लें। इसके बाद बंगले को गिरा दिया जाएगा।
  2. अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू ने जिस बंगले को लीज पर लिया है, वह 6 एकड़ में फैला है और कृष्णा नदी से कुछ दूरी पर है। नियमों के हिसाब से नदी के 100 मीटर के दायरे में सभी तरह के निर्माण पर रोक है।
  3. नायडू के कार्यकाल में बनी प्रजा वेदिका को ढहाया

    इससे पहले मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने नायडू के कार्यकाल में 9 करोड़ की लागत से बनी इमारत ‘प्रजा वेदिका’ को अवैध बताया था। उनके आदेश पर 25 जून से प्रजा वेदिका को गिराने की कार्रवाई शुरू की गई थी। पिछले दिनों रेड्डी सरकार ने नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा भी हटाई थी। बेटे की जेड प्लस सिक्युरिटी घटाई गई थी।

  4. जगन के पिता के सीएम रहते बंगले को मंजूरी मिली थी: तेदेपा

    पूर्व मंत्री और तेदेपा नेता येनमाला रामकृष्णाडु ने कहा, ”नायडू जिस बंगले में रहते हैं, वायएसआर रेड्डी (जगन मोहन के पिता) के मुख्यमंत्री रहते हुए पंचायत से उसके निर्माण के लिए मंजूरी ली गई थी। निर्माण के वक्त सीआरडीए नहीं था। बंगले को अवैध बताकर गिराने के लिए नोटिस देना राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।”

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