मथुरा. भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा महोत्सव की उत्तर प्रदेश के वृंदावन में भी धूम है। गुरुवार सुबह बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी 160 किलो चांदी से निर्मित भव्य रथ पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन दिया। पूरा मंदिर परिसर बांके बिहारी के जयकारे से गूंज उठा। वहीं, भक्त भी अपने अराध्य का आलौकिक रूप देखकर खुशी से चहक उठे।
सालभर में एक बार दिखता है ऐसा नजारा
वृन्दावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में गुरुवार को रथयात्रा पर्व के अवसर पर भगवान बांके बिहारी जी को गर्भगृह से बाहर लाकर रजत निर्मित रथ में विराजमान कराया गया। रथ को लता पताओं से सजाया गया था। सुबह से ही श्रद्धालु बांके बिहारी के दर्शन के उमड़ पड़े। जैसे ही सुबह साढ़े सात बजे मंदिर के पट खुले, पूरा परिसर ठाकुरजी के जयकारों से गूंज उठा। साल में एक बार होने वाले इस कार्यक्रम के लिए हर कोई आराध्य के दर्शन के लिए लालायित नजर आया।
शाम को निकाली जाती है रथ यात्रा
मन्दिर के सेवायत मयंक गोस्वामी ने बताया कि इस रथ का निर्माण 7 साल पहले बांके बिहारी जी के भक्तों ने कराया था। जिसे बाद में मन्दिर प्रबंधतंत्र को सौंप दिया गया। 160 किलो के इस भव्य रथ में चार घोड़े और एक बग्गी है। सारथी एक सखी है। रथयात्रा के दिन इसी रथ में विराजमान हो कर भगवान भक्तों को दर्शन देते हैं। बीच में बने मंडप में भगवान बांके बिहारी फूलों द्वारा सुसज्जित श्रंगार के मध्य विराजमान होते हैं। वहीं शाम को नगर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकाली जाती है।