नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ‘बैट’ मामले पर अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को कच्चा खिलाड़ी बताया है। उन्होंने कहा है कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि दोनों पक्ष आकाश और नगर निगम अधिकारी कच्चे खिलाड़ी हैं। ये बड़ा मुद्दा नहीं था लेकिन इसे बड़ा बना दिया गया।
विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अधिकारी को अहंकारी होना चाहिए। उन्हें लोगों के प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए। मैंने इस चीज की कमी देखी है। दोनों को समझना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा ना हो। मैं पार्षद, मेयर और विभागीय मंत्री रह चुका हूं।
Kailash Vijayvargiya, BJP on his son & BJP MLA Akash Vijayvargiya: It is very unfortunate. I think there was mishandling from both the sides. Kachhe khiladi hain – Akash ji bhi aur nagar nigam commissioner. It wasn't a big issue but it was made huge. pic.twitter.com/y9dPvcUvG3
— ANI (@ANI) July 1, 2019
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि हम बारिश के दौरान किसी भी आवासीय भवन को ध्वस्त नहीं करते हैं। मुझे नहीं पता कि सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी किया गया है। अगर किया गया है तो यह उनकी ओर से गलती है।
इंदौर नगर निगम पर निशाना साधते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर कोई बिल्डिंग गिराई गई, तो उसके निवासियों के लिए एक ‘धर्मशाला’ में रहने की व्यवस्था की जाती है। नगर निगम ने इस मामलों को ठीक से नहीं सम्भाला। मौके पर महिला स्टाफ और महिला पुलिस होनी चाहिए थी। यह अपरिपक्व कदम था। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।
Kailash Vijayvargiya, BJP: If a building is being demolished anyway, then arrangements are made for the residents to live in a 'dharamshala'. There was mishandling from Nagar Nigam. Women staff & women police should have been there. It was immature. This should not happen again. https://t.co/aLM4B4sKcl
— ANI (@ANI) July 1, 2019
क्या है मामला?
बता दें कि 26 जून को भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर में एक जर्जर मकान को तोड़ने आए नगर निगम के अमले की कार्रवाई पर भड़क गए। उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से नगर निगम के एक अफसरों की पिटाई कर दी। इसके बाद उन्हें इस मामले में जेल जाना पड़ा। रविवार को आकाश जमानत पर रिहा हुए हैं।