बैट कांड : विजयवर्गीय के बेटे को लेकर मोदी की नाराजगी पहली बार नहीं, इससे पहले भी दोनों के बीच उलझते रहे समीकरण

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इंदौर/भोपाल. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के अफसर को बैट से पीटने पर मोदी ने पहली बार नाराजगी नहीं जताई है, बल्कि वे पहले भी तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आकाश को टिकट दिलवाने को लेकर भी वे विजयवर्गीय से नाराज थे। 25 मार्च को एक बैठक में मोदी ने कहा था कि कैलाशजी, मैं आपसे बहुत नाराज हूं। मैं भुला नहीं पा रहा हूं कि आपने बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश की। मोदी के यह कहते ही बैठक में सन्नाटा पसर गया था।

बताते हैं कि इन सब में गृहमंत्री और उस वक्त के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने हमेशा विजयवर्गीय का साथ दिया। ताजा घटनाक्रम के बाद सबकी नजरें इस बात पर हैं कि इस बार मोदी के पार्टी से निकालने वाले बयान के बाद पार्टी और अमित शाह क्या रुख अपनाते हैं। उधर, मोदी की नाराजगी के बाद आकाश ने कहा “मोदीजी पिता तुल्य हैं। उनकी डांट भी प्यार की तरह है। उनके बताए मार्ग पर चलने की हरसंभव कोशिश पूरे राजनीतिक जीवन में करूंगा।’

तीन मौकों पर कैलाश की बात नहीं बनी 

  • राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद विजयवर्गीय के राज्यसभा सांसद बनने की बात चली, लेकिन शाह का वरदहस्त होने के बावजूद दो बार मप्र से सीट खाली होने के बाद भी राज्यसभा नहीं पहुंच सके। शायद, पर्दे के पीछे कुछ ऐसी कहानी थी, जो सामने नहीं आ रही थी। कुछ संकेत थे और वे राज्यसभा नहीं पहुंच सके।
  • विधानसभा चुनाव में पहले खुद और बेटे दोनों के टिकट की कोशिश की। ऊपर से किसी का संदेश मिला कि एक का ही टिकट हो सकता है तो पीछे हट गए और बेटे के लिए कोशिश कर उन्हें तीन नंबर से टिकट दिलाया।
  • लोकसभा चुनाव के समय सुमित्रा महाजन ने चुनाव लड़ने से इनकार किया तो विजयवर्गीय स्वाभाविक दावेदार के रूप में सामने आए। कुछ दिन सुगबुगाहट भी चली। उनका धड़ा टिकट तय मानने लगा। फिर एकाएक कुछ ऐसा घटित हुआ, जिसकी पृष्ठभूमि में पश्चिम बंगाल के चुनाव भी थे। उनका नाम पीछे हो गया। विजयवर्गीय ने ट्वीट कर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।

मोदी, कहा- एक विधायक कम होगा तो क्या हो जाएगा : भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक में मंगलवार को आकाश का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि ऐसा घमंड और दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई होनी चाहिए। भाजपा सांसद और प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने प्रधानमंत्री के इस रुख की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में मोदी ने कहा,  “यह क्या हो रहा है जिसके मन में जो आ रहा है कर रहा है। फिर उसका  समर्थन भी किया जा रहा है। वह कोई भी हो, किसी का भी बेटा हो… मनमानी नहीं चलेगी। कहा जा रहा है पहले निवेदन, फिर आवेदन फिर दनादन, यह कैसी भाषा है?” जेल से छूटने के बाद आकाश काे सम्मानित किए जाने पर भी प्रधानमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्हाेंने कहा, “क्या होगा अगर एक विधायक कम हो जाएगा? वह इकाई भंग कर देनी चाहिए, जो स्वागत सत्कार कर रही है।” माेदी ने कहा कि अगर काेई गलती करता है ताे उसमें खेद का भाव हाेना चाहिए।
इंदौर जेल में बंद थे आकाश : अफसर से मारपीट के केस में आकाश को 26 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में इंदौर जेल भेज दिया था। इसके अगले दिन उन्होंने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। यहां से केस एससी/एसटी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद आकाश के वकील ने भोपाल कोर्ट में याचिका दाखिल की।
6 दिन में कैलाश ने दिए 5 बयान

1 जुलाई : बारिश के दौरान निगम की मकान गिराने की कार्रवाई गलत है। कार्रवाई करना भी हो तो वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए। निगम ने गलत ढंग से काम किया। आकाश और निगमायुक्त दोनों कच्चे खिलाड़ी हैं।
29 जून : न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उसके फैसले का स्वागत करता हूं। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब की है।
28 जून : आकाश को जानने वाले समझते हैं कि वह कभी गुस्सा नहीं करता। परिस्थिति ही ऐसी हुई होगी और बात महिला के सम्मान की थी, इसलिए घटना हो गई। लेकिन जिस तरह की बयानबाजी कांग्रेस और मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वह चौंकाने वाला है। इस सरकार का हर बात में दोहरा रवैया दिख रहा है।
26 जून : आकाश कभी उत्तेजित नहीं होता। निश्चित तौर पर ऐसी परिस्थिति निर्मित हुई होगी, जिससे ये घटना हुई।
26 जून : एक टीवी चैनल एंकर पर भड़के। उन्होंने कहा- तुम्हारी हैसियत क्या है? तुम न्यायालय बन गए हो क्या? न्याय करोगे क्या?

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