बिहार में चमकी बुखार से बच्चाें की माैत काे लेकर सुप्रीम काेर्ट में राज्य सरकार ने मंगलवार काे अपना जवाब दाखिल किया। इसमें राज्य सरकार ने अस्पतालाें में डाॅक्टराें और नर्साें सहित अन्य स्थिति की जाे जानकारी दी है, वाे चाैंकाने वाली है। हलफनामे में बताया गया है कि सरकारी अस्पतालाें में कुल स्वीकृत डाॅक्टराें के 12,206 पद में से 5,205 डाॅक्टर ही सेवा में हैं। यानी डाॅक्टराें के आधे से ज्यादा 57.35% पद खाली पड़े हैं।
इसी तरह से नर्साें के कुल 19,155 पदाें में से सिर्फ 5,634 नर्स सेवा में हैं। यानी 70.59% पद खाली हैं। वहीं लैब में 62% और फार्मासिस्ट के 48% पद खाली पड़े हैं। सुप्रीम काेर्ट ने एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार से 24 जून काे जवाब मांगा था। इसी के जवाब में राज्य सरकार ने यह हलफनामा दायर किया है। पिछले माह मुजफ्फरपुर में अज्ञात बुखार से 170 से ज्यादा बच्चाें की माैत हाे गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब तलब किया था।
सदन में नीतीश बोले- एईएस को सरकार ने चुनौती के रूप में लिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार ने एईएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) को चुनौती के रूप में लिया है। इसके कारणों की पड़ताल की जा रही है। नियंत्रित करने की कार्रवाई हो रही है। विशेषज्ञों की टीम जांच में लगी है। मरने वाले बच्चे गरीब परिवार से थे, इसमें भी बच्चियों की संख्या ज्यादा थी।
सीएम मंगलवार को विधानपरिषद में प्रेमचंद्र मिश्रा व दिलीप राय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान हस्तक्षेप करते हुए बोल रहे थे। बोले-एईएस प्रभावित इलाकों के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। इन परिवारों तक सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाना जरूरी है।