पटना. पटना हाईकोर्ट ने राजधानी और आसपास के इलाकों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर बेहद सख्ती दिखाई। कहा-यह फौरन बंद हो। पेड़ काटना, पेड़ का मर्डर करना है। अगर पेड़ काटना बहुत जरूरी हो, तो इसके पहले वहां पौधा लगाएं। ऐसी स्थिति नहीं आने दी जाए कि एक भी पेड़ को काटने के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी पड़े।
मंगलवार को न्यायमूर्ति ज्योति शरण व पार्थसारथी की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका को सुनते हुए उक्त बातें कहीं अाैर निर्देश दिया। कोर्ट ने कहर ढाती गर्मी व बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के बीच पटना को हरित शहर बनाने पर जोर देते हुए नगर निगम से इसका एक्शन प्लान मांगा। कहा-इसे हलफनामा के रूप में दें। कोर्ट ने सरकार से कहा-शुक्रवार तक बताएं कि पटना में पेड़ों की गिनती कब से शुरू होगी?
कोर्ट को इस बात पर आश्चर्य था कि पेड़ों की संख्या का लेखा-जोखा वन विभाग के पास नहीं है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पटना शहर के पेड़ों को गिनने का आदेश दिया था। पेड़ को तभी काटने की बात कही थी, जब पहले वहां पर एक पौधा लगाया जाए। इसके लिए पेड़ों की गिनती या संख्या जरूरी है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 जून को होगी।