बुलंदशहर. जिले के स्याना कोतवाली में बीते वर्ष तीन दिसम्बर को गोकशी के शक हुई हिंसा के बाद जेल में बंद 44 आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगाए जाने से लोगों में काफी आक्रोश दिखायी दे रहा है। शनिवार को इसी मुद्दे को लेकर जाट समाज की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया और योगी सरकार से 44 आरोपियों से राजद्रोह की धारा हटाने की मांग की गई।
इसमें महासभा के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रताप चौधरी ने शिरकत की। इस दौरान जाट महासभा के प्रवक्ता आनंद चौधरी ने बताया कि इसमें जाट महासभा के साथ गुर्जर महासभा, राजपूत सभा, व्यापार मंडल सहित अन्य कई संगठनों के लोग भी शामिल हुए हैं। महापंचायत में योगी सरकार से की राजद्रोह की धारा हटाने की गुजारिश की गई। साथ ही सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
यह है मामला
3 दिसंबर 2018 को स्याना में गोकशी पर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। एसआई सुभाष चंद ने हिंसा में बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज और मृतक सुमित सहित 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ स्याना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। 44 आरोपी जेल में बंद हैं। इनके खिलाफ शासन की अनुमति पर पुलिस ने राजद्रोह की धारा लगाकर सीजेएम कोर्ट में पेश कर दी।