धमतरी . मांदागिरी और संदबाहरा की पहाड़ी पर हुई शनिवार को मुठभेड़ के बाद सत्यम गावड़े सहित अन्य 20 नक्सलियों पर अपराध दर्ज किया गया है। भास्कर ने मुठभेड़ के दिन ही सत्यम गावड़े व उसके साथियों के शामिल होने का खुलासा कर दिया था। अब अपराध दर्ज होने के बाद उसकी पुष्टि भी हो गई है। जिले में पहली बार बड़ी सफलता मिलने के बाद इस क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर सुरक्षाबलों ने करीब 50 गांवों को घेरा गया है।
जिले में एसटीएफ और डीएफ (डिस्ट्रीक्ट फोर्स) ने 15 दिन के भीतर मुठभेड़ में 20 लाख के 5 इनामी नक्सलियों का ढेर किया। 6 जुलाई को मांदागिरी और संदबाहरा के पहाड़ी पर राजू, मंजूला, मुन्नी और प्रमिला को मारने में सुरक्षाबल सफल रहे। इस मुठभेड़ में चारों नक्सलियों के अलावा सत्यम गावड़े, कार्तिक उर्फ दशरु, टिकेश, जानसी, शांति, रामदास समेत 20 नक्सली शामिल थे।
भास्कर ने 7 जुलाई को प्रकाशित खबर में सबसे पहले इन नक्सलियों के मुठभेड़ में शामिल होने का खुलासा किया था। रविवार को सिटी कोतवाली में इन सभी 20 नक्सलियों के खिलाफ धारा 307, 147, 148, 149 और भारतीय दंड विधान संहिता व 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत शून्य पर अपराध दर्ज हुआ है। अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डीआईजी ने कहा- बस्तर क्षेत्र बढ़ा दबाव, भागकर नक्सली सुरक्षित ठिकाने ढूंढ रहे
प्रदेश से होगा नक्सलियों का सफाया: डीआईजी : नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी सुंदरराज पी. के ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि नक्सली अक्सर मुठभेड़ के बाद इलाके को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर भाग निकलते हैं। बस्तर में लगातार फोर्स का दबाव बढ़ता जा रहा। ऐसे में नक्सली नए ठिकाने ढूंढते हुए सुरक्षित स्थान चुनते है। धमतरी, कांकेर, गरियाबंद, उड़ीसा से लगा है। ऐसे में धमतरी के जंगल को नक्सली सुरक्षित जगह मान रहे। हालांकि ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। हमारे जवान उन्हें हर स्थिति में उन्हें टिकने नहीं देंगे। नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ना चाहे, तो उनका स्वागत हैं। पर हिंसक वारदात को अंजाम देने की कोशिश की, तो सुरक्षाबल उन्हें हर स्थिति में जवाब देंगे।
जानिए… कौन है सत्यम और जानसी : सत्यम गावड़े मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन कमांडर है। वह कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्सेबोड़ का रहने वाला है। उसकी पत्नी जानसी गावड़े भी उसी गांव की है। सत्यम वर्ष 2007-08 से नक्सलियों के साथ काम कर रहा था। उसे बीच में पुलिस ने पकड़कर जेल भी भेज दिया था, लेकिन पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में वह जेल से छूटने के बाद फिर से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गया।
सुरक्षाबलों को इन नक्सलियों की तलाश : सुरक्षाबलों को कमांडर सत्यम गावड़े सहित हार्डकोर नक्सली प्रवीण, रुपेश उर्फ नरेश, दीपक मंडावी, टीकेश उर्फ टिकेश्वर, जानसी उर्फ मीना गावड़े, शांति उर्फ देवे की तलाश है।
इन नक्सलियों को पकड़ने से जिले से नक्सलियों के सफाए में बड़ी कामयाबी मिलेगी।
नक्सलियों का नेटवर्क लगातार कमजोर पड़ रहा : धमतरी जिले को नक्सल प्रभावित जिला घोषित करने के बाद से यहां इंटेलीजेंसी को मजबूत किया गया है। यहां आईबी, एसबी, डीएसबी के जरिए सूचनाएं एकत्रित कर नक्सलियों पर नजर रखी जा रही है।
48 घंटे होगा परिजनों का इंतजार : नक्सली रजूला, मुंजूला, मुन्नी और राजू का शव पोस्टमार्टम हो गया है। सुरक्षा के लिए 1,1, 4 पुलिस जवानों की ड्यूटी तैनात की गई है। उनके परिजनों को सूचना दी गई है। लाश परिजनों के इंतजार में 48 घंटे जिला अस्पताल के में डीप फ्रीजर में रखी है। यदि उसके परिजन सामने नहीं आते हैं तो पुलिस स्वर्गधाम सेवा समिति के माध्यम से अंतिम संस्कार कराएगी।