बालोद. जिले के गुंडरदेही थाने क्षेत्र के एक गांव के रिटायर्ड आर्मी मैन पिता ने अपनी ही दो बेटियों के साथ दो साल से मोबाइल फोन पर ब्लू फिल्म दिखाकर अश्लील हरकतें कर रहा था। बेटियां पंद्रह दिन पहले पुलिस के सामने पिता की बेरहम मारपीट की शिकायत लेकर थाने पहुंची थी। पंद्रह दिन पुलिस की तहकीकात के बाद उसे बुधवार को दुर्ग के मोहन नगर से गिरफ्तार किया। बेटियों के मुताबिक पिता शराब पीकर उनसे मारपीट करते हैं। पुलिस ने बेटियों के नाबालिग होने पर उन्हें सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) में पेश किया। जहां बयान लिया गया। केस दर्ज होने पर पिता फरार हो गया था। जिसे साइबर सेल की मदद से ट्रेस कर पकड़ा गया।
बेटियां बोली: मारपीट से इतनी डर गईं कि चुप रहीं
- बेटियों ने कहा पिता के मारपीट से इतने डरे हुए थे कि कभी मां को भी पहले से नहीं बता पाए कि पिता हमारे साथ अश्लील हरकत भी करता है। जब बीते दिनों पिता ने हमें बेरहमी से मारपीट की तो जान बचाने के डर से हम मां को ढूंढते हुए उनकी एक सहेली के पास गए। जहां मां नहीं मिली तो मां से ही फोन पर बात करके हमने पुलिस की शरण ली। अब हमें पिता के साथ कभी नहीं रहना। अगर ज्यादा दिन तक उनके साथ रहते तो उनकी दरिंदगी का भी शिकार हो जाते।
मां बोली: पति को छोड़ दिया था, अब है पछतावा
मां ने कहा कि कुछ कारणवश हम पति पत्नी साथ नहीं रह पाए। एक-दूसरे को समझ नहीं पाए। मैं उनसे अलग हो गई। लेकिन बच्चे उन्हीं के पास रहते रहे। मेरी बेटियों के साथ पति इस तरह की हरकत करेगा यह कभी सोचा नहीं था। मैं स्तब्ध हूं ,कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। इस बात का बहुत पछतावा है कि मुझे अपनी बेटियों का खयाल रखना था। उन्हें अपने साथ रखना था। अब कभी अपने बच्चों को उस हैवान पिता के हवाले नहीं करूंगी। बेटियां मेरे साथ ही रहेंगी।
बेहयाई: घर में दूसरी औरतों को भी लाता था
टीआई रोहित मालेकर ने बताया बेटियों के बयान से यह बात सामने आई कि पिता दोनों बेटियों की मौजूदगी में दूसरी औरतों को भी घर लाकर अश्लील हरकत करता था। विरोध करने पर अपनी बेटियों के साथ मारपीट करता था। आरोपी की पत्नी लगभग 2 साल से अलग रहती है। लेकिन दोनों बेटियां और एक बेटा पिता के साथ ही रहते थे। पत्नी के ना होने के कारण ही आरोपी बेटियों के साथ ही गंदी हरकत पर उतर आया। लगभग 2 साल से पिता बच्चियों से नापाक हरकतें कर रहा था।
पिता बोला- बदनाम हो जाऊंगा
आरोपी जम्मू कश्मीर में आर्मी में रहा। 2 साल पहले रिटायर होकर गांव आया था। जब पुलिस फोटो खींचने लगी तो कहने लगा कि मुझे आर्मी में राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था। तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिला है। मेरी फोटो मत खींचो, मुझे बदनाम मत करो।
शीर्ष अदालत ने गत वर्ष कहा था, मीडिया रिपोर्टिंग नाम लिए बगैर की जा सकती है
उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल 2018 में दुष्कर्म मसले पर टिप्पणी की थी कि ऐसे मामलों में भी जहां पीड़ित जीवित हैं, भले ही पीड़ित नाबालिग या विक्षिप्त हो तो भी उसकी पहचान का खुलासा नहीं करना चाहिए क्योंकि उसकी भी निजता का अधिकार है और पीड़ित पूरी जिंदगी इस तरह के कलंक के साथ जीवित नहीं रह सकते। वहीं मीडिया रिपोर्टिंग नाम लिए बगैर भी की जा सकती है। मृतक की भी गरिमा होती है।