कांकेर/नरहरपुर | कांकेर जिले में नरहरपुर ब्लॉक के ग्राम झलियामारी में सोमवार रात घर की बाड़ी में बने कुएं में एक तेंदुआ गिर गया। सुबह जब ग्रामीणों को इसका पता चला तो वन विभाग को सूचना दी। टीम सुबह 6.30 बजे मौके पर पहुंची। तेंदुए को निकालने के लिए कुएं में सीढ़ी डाली गई, लेकिन कई घटों से कुएं में तैरने के कारण वह इतना थक गया था कि सीढ़ी पर नहीं चढ़ पाया।
फिर एक खाट को रस्सी से बांधकर कुएं में डाला गया। करीब तीन घंटे के इंतजार के बाद तेंदुआ आराम से खाट पर बैठा। इसके बाद उसे ऊपर खींचा गया। तब कुएं के इर्दगिर्द बड़ी संख्या में लोग जमा थे। लेकिन हिंसक प्रजाति के होने के बाद भी तेंदुए ने चारों तरफ देखा लेकिन किसी पर हमला नहीं किया। मानो वह जान बचाने के लिए लोगों को थैंक्यू कर रहा हो। इसके बाद वह जंगल की ओर चला गया।
गांव के पास की पहाड़ी में 4 से 5 तेंदुओं का है बसेरा, बस्ती तक आ जाते हैं
8 बजे कुएं में डाली गई खाट : वन विभाग की टीम ने गांव से ही एक खाट की व्यवस्था की और उसके चारों पाए को रस्सी से बांधा। सुबह लगभग 8 बजे खाट को कुआं में धीरे-धीरे उतारा गया। वन विभाग की टीम तेंदुए के खाट में बैठने इंतजार करने लगी। आसपास से शोरगुल बंद कराया गया। तीन घंटे इंतजार के बाद लगभग 11 बजे थका-हारा तेंदुआ खाट पर बैठ गया।
मदद करने वालों पर नहीं किया हमला : तेंदुए के खाट पर बैठते ही वन विभाग की टीम ने कुछ अनुभवी ग्रामीणों की मदद ली और बेहद सावधानी से खाट को धीरे-धीरे ऊपर खींचना शुरू किया। सबसे ज्यादा खतरा था कि बाहर निकलते ही तेंदुआ रस्सी खींचने वालों पर हमला न कर दे। वन विभाग की टीम ने अनुमान लगाया कि तेंदुआ बेहद थक गया है और बाहर निकलने के बाद हमला नहीं करेगा। वन विभाग का अनुमान सही निकला। ऊपर आते ही तेंदुआ खाट से कूदकर जंगल की ओर भाग गया। खाट को ऊपर खींचने वाले कुएं के बेहद पास थे लेकिन तेंदुए ने अपनी मदद करने वालों पर हमला नहीं किया।
कुत्तों ने चीतल को नोचा, मौत : तार्रीभरदा|सोमवार शाम को एक नर चीतल मरकाटोला कैंप के तार में फंस गया था। कुत्तों के नोच डालने से गुरुर ले जाते समय चुल्हापथरा के पास चीतल की मौत हो गई। जंगल की ओर से आकर एक चीतल धमतरी-जगदलपुर मुख्य सड़क को पार कर रहा था। उसी समय सड़क में एक ट्रैक्टर आ जाने से वापस कैंप की ओर दौड़ रहा था। तभी कटीले तारों में फंस गया, जिससे भाग नहीं सका।
तार में फंसने के कारण चीतल के गला, पेट व पैर का खुर कट गया था। इधर 4-5 कुत्तों ने चीतल को नोच डाला। कैंप के जवानों ने कुत्तों को वहां से भगाया और चीतल को निकाला। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी गई। मौके पर सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी यादव राम पहुंचे और पिकअप में लेकर चीतल का इलाज कराने गुरुर ला रहे थे। तभी चुल्हापथरा के पास मौत हो गई। बाद में गुरुर में चीतल का अंतिम संस्कार किया गया।
1. कुएं में सीढ़ी डाली गई लेकिन तेंदुआ इतना थक गया था कि चढ़ नहीं पाया।
2. तेंदुए को इस तरह खाट पर बैठाकर निकाला गया बाहर।