संदीप राजवाड़े.बेंगलुरू से | 2009 में रायपुर और बेंगलुरू ने एक साथ रेेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर काम शुरू किया। बारिश के पानी को सहेजने की इस मुहिम में लेकिन आज दोनों शहरों की हालत एक दूसरे से एकदम विपरीत है। एक तरफ बेंगलुरू देश का ऐसा पहला शहर बन गया है जो मानसून सीजन में सिर्फ बारिश से अपनी जरूरत के लिए हर महीने 10 अरब लीटर से ज्यादा लीटर पानी बचा रहा है। ये इस शहर की 10 दिन की जरूरत पूरी कर सकता है। वहीं, रायपुर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए मात्र 2500 सिस्टम लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। पानी सहेजने के दावे फाइलों तक सिमट गए।
बारिश के पानी को ऐसे इकट्ठा करेंगे तो उससे खाना भी बना सकते हैं; खर्च भी सबसे कम : बेंगलुरू के रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग थीम पार्क में बारिश के पानी को सहेजने का सबसे सस्ता व आसान तरीका बताया गया है। किसी भी कपड़े को चार ओर से बांधिए और नीचे एक कंटेनर रखें। उसमंे बारिश का पानी इकट्ठा हो जाएगा, इससे खाना भी बनाया जा सकता है। ध्यान रखें कपड़े को साबुन या डिटर्जेंट से न धोएं।
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शुरूआत | बैंगलोर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (बीडब्लूएसएसबी) बीएम मंजूनाथ के अनुसार 2009 में काम शुरू किया। सिर्फ सख्ती से काम नहीं चलता, इसलिए जागरुकता अभियान भी चलाए। सर्वे में अाया शहर की 2.25 लाख इमारतों में वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। बीडब्ल्यूएसएसबी के साथ कर्नाटक स्टेट काउंसिल फाॅर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केएससीएसटी) को जोड़ा। एक्सपर्ट और केएससीएसटी के सीनियर साइंटिस्ट एअार शिवकुमार के साथ इस पर काम शुरू किया।
सख्ती | सरकारी इमारतों, शहर के अधिकतर अस्पताल, सरकारी व निजी स्कूल, 1200 वर्गफीट के रिहायशी-कमर्शियल कांप्लेक्स में 1,26,331 वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लग चुके हैं। इन सभी सिस्टम को मिलाकर 10106.64 एमएलडी (लगभग 10 अरब लीटर) पानी जमा किया जाएगा। बीडब्लूएसएसबी चेयरमैन तुषार गिरिनाथ के अनुसार हर्वेस्टिंग सिस्टम न लगाने वालों को नल कनेक्शन नहीं मिलता। पुराने मकानों के मालिक जब तक सिस्टम न लगाएं, दोगुना वॉटर बिल वसूला जाता है।
मुहिम | केएससीएसटी में रहे सीनियर साइंटिस्ट शिवकुमार के मुताबिक सरकार ने 9 साल पहले संस्थान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हेल्प सेंटर खोला। इसमें अफसर, इंजीनियर के साथ प्रदेश के एनजीओ, प्लम्बर और वाॅटर मीटर रीडर तक को ट्रेनिंग दी गई। अब तक प्रदेश के 2000 प्लंबर ट्रेंड किए जा चुके। ये मकान में काम करते हुए लोगों की वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए मदद करते हैं। स्कूलों में रूफ टॉप हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए। 23683 सरकारी स्कूलों में इसी सिस्टम से पानी का उपयोग हो रहा है।
उपलब्धि | बेंगलुरू में 2010 में देश का पहला सर एम विश्वेश्वरैया रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग थीम पार्क बनाया गया। यहां बारिश के पानी को देशी जुगाड़ से लेकर अाधुनिक मशीनों की मदद तक से कैसे सहेजा जाए यह बताया जाता है। डेमो द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए यहां 22 मॉडल सिस्टम लगे हैं। इसमें स्कूली बच्चे, एनजीअो, संस्थाओं व ग्राम पंचायत प्रतिनिधि अाते हैं। अब तक करीब एक लाख लोग डेमो देख चुके हैं। 2018 में हैदराबाद में दूसरा थीम पार्क बना, तीसरा कानपुर में बनेगा।