लंबी कानूनी लड़ाई और तमाम अड़चनों के बाद रेवाड़ी की धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन बनने का कंवर सिंह का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा कंवर सिंह को योग्य ठहराए जाने के बाद सोमवार को शपथ से संबंधित अधिसूचना भी जारी की जा सकती है। कयास लगाये जा रहे हैं कि इसी सप्ताह कंवर सिंह का शपथ ग्रहण होगा। शपथ ग्रहण में केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह भी शामिल हो सकते हैं। क्योंकि 5 दिन पहले दिल्ली में मुलाकात करने पहुंचे कंवर सिंह ने राव इन्द्रजीत सिंह खेमे में शामिल होने के साथ ही उन्हें एडवांस में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्यौता दिया था।
दरअसल, 15 सितंबर को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कंवर सिंह मामले में सबकुछ क्लीयर करते हुए उन्हें चेयरमैन बनने के योग्य ठहरा दिया था। जबकि इससे पहले 10 सितंबर को हाईकोर्ट ने उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन चुनाव आयोग के 15 मार्च के फैसले को रद्द किया था, जिसमें चुनाव आयोग ने कंवर सिंह को योग्य करार दे दिया था। जिसकी वजह से इसी माह सितंबर में धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन के उपचुनाव का कार्यक्रम भी तय कर दिया गया, लेकिन ऐन वक्त पर जनता की जीत के साथ-साथ हाईकोर्ट से भी कंवर सिंह को ही राहत मिली।
27 दिसंबर को हुए थे मतदान
रेवाड़ी के साथ धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव भी सीधा हुआ था, जिसमें जनता ने पार्षद के साथ-साथ खुद ही अपना चेयरमैन चुनाव था। 27 दिसंबर को मतदान और 30 दिसंबर 2020 को मतगणना हुई थी, जिसमें धारूहेड़ा के पूर्व सरपंच कंवर सिंह को जीत दर्ज मिली थी। अभी कंवर सिंह जीत का जश्न भी ठीक से नहीं मना सके थे कि दूसरे नंबर पर रहे संदीप बोहरा उनकी 10वीं की मार्कशीट को फर्जी बताकर चुनाव आयोग चले गए। बाद में डीसी के आदेश पर कोसली के एसडीएम ने मार्कशीट की जांच करके उसे अवैध माना था। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर 15 मार्च को हरियाणा चुनाव आयोग ने भी कंवर सिंह को योग्य ठहरा दिया था, जिसकी वजह से चेयरमैन बनने के बाद भी कंवर सिंह शपथ नहीं ले सके थे।
प्रचार खत्म होते ही लग गई थी रोक
धारूहेड़ा नगर पालिका चुनाव उप चुनाव की प्रक्रिया 27 अगस्त को शुरू हुई थी। 12 सितंबर को मतदान होना था। 10 सितंबर की शाम प्रचार खत्म होने से पहले ही पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला कंवर सिंह के पक्ष में आ गया। हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें चुनाव आयोग ने कंवर सिंह के सर्टिफिकेट को जांच में फर्जी पाए जाने पर 15 मार्च को शपथ लेने से पहले हटा दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने भी उपचुनाव की प्रक्रिया को उसी दिन रद्द कर दिया था। कंवर सिंह मामले में 13 और 15 सितंबर को 2 बार और सुनवाई हुई, जिसमें कंवर सिंह को ईकोर्ट ने योग्य ठहरा दिया। हालांकि उनके विरोध में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं।