हरियाणा पुलिस का रवैया कैसा है, इसका उदाहरण बुधवार को देखने को मिला। जब साढौरा के प्राचीन गगड़वाला मंदिर में रात डेढ़ बजे चार बदमाश घुस गए। बदमाशों ने खुद को सीआईए (क्राइम इन्वेटिगेशन एजेंसी) से बताया। मंदिर में घुसते ही बदमाशों ने महंत रामदास को मोबाइल छीन कर बंधक बना लिया। करीब दो घंटे तक बदमाश मंदिर में रहे। 50 हजार रुपए की नकदी और अन्य सामान लेकर फरार हो गए।
घटना के बाद महंत ने सूचना मंदिर कमेटी सदस्यों को दी। इसके बाद उन्होंने साढौरा एसएचओ, डीएसपी व एसपी को कॉल की। किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया तो फोन डीजीपी मनोज यादव को मिलाया। डीजीपी ने पुलिस भेजने की बात कही। इसके बाद थाने से एक एएसआई पहुंचा। आरोप है कि एएसआई महंत को ही धमका कर चला गया। तभी डीजीपी ने बैक कॉल कर पूछा कि पुलिस पहुंची या नहीं तो बताया गया कि पुलिसकर्मी पीड़ित को ही धमका कर चला गया। कुछ देर बाद एसपी समेत पुलिस अफसरों की लाइन लग गई। धारा-342 और 395 में केस दर्ज किया गया है।
बदमाशों ने आते ही पूछा सीसीटीवी कहां है…
महंत रामदास ने बताया कि रात को करीब डेढ़ बजे चार युवक दीवार फांदकर मंदिर परिसर में घुस आए। चारों के हाथ में लाठियां थीं। पहले सब ने सीसीटीवी कैमरा पूछा, फिर बंधक बना अलमारी में रखे 50 हजार रुपए लूटकर मुख्य द्वार से फरार हो गए। इसके बाद पहुंचे लोगों और मैंने पुलिस को कई फोन किए थे। पर स्थानीय पुलिस का फोन नहीं उठा।
एसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि मंदिर में लूट के मामले में फोन रिसीव नहीं हो पाने की बात सामने आई है, लेकिन जैसे ही वारदात का पता चला तो तुरंत पुलिस मौके पर पहुंच गई थी।