इनकम टैक्स रिटर्न में 5 लाख से अधिक की कमाई का स्त्रोत खेती बताने वाले 46 लोगों को धनबाद आयकर प्रक्षेत्र ने नोटिस भेजा है। विभाग को शक है कि ऐसे लोगों की आमदनी का जरिया कृषि नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने टैक्स बचाने के लिए कमाई का मुख्य जरिया खेती बताई है। रिटर्न में ऐसे आयकरदाताओं का दावा है कि वे या उनकी पत्नी पुश्तैनी जमीन पर खेती करवाते हैं। कमाई 5 लाख से लेकर 1 करोड़ तक है। आयकर विभाग को विभिन्न माध्यमों से इनपुट मिले कि कृषि को आमदनी का सबसे बड़ा स्त्रोत बताने वाले सैकड़ों धनाढ्यों ने जिन खेतों का जिक्र किया है, वे परती हैं। उपज होती भी है तो कमाई लाखों में नहीं है। इसके बाद आयकर विभाग ने जांच शुरू की।
विभाग ने नोटिस भेजना आरंभ किया
आरंभिक छानबीन में ही स्पष्ट हो गया कि कारोबारी के साथ कुछ सरकारी अधिकारी-कर्मचारी वर्षों से खेती का हवाला दे करवंचना कर रहे हैं। ऐसे ही संदिग्ध किसानों को चिह्नित कर विभाग ने नोटिस भेजना आरंभ किया है। बता दें कृषि से होेने वाली आय पर इनकम टैक्स नहीं लगता है।
विभाग ने पूछा-कहां है खेत, क्या हुई उपज, कितने में बिकी?
आयकर विभाग ने जिन्हें नोटिस भेजा है, उनसे पूछा है-आपने अपनी कमाई का मुख्य स्त्रोत कृषि बताई है। आपकी खेत कहां हैं? खेत में क्या उपज हुई? उपज की बिक्री किसे, कहां और कितने में की गई? ये सवाल उन संदिग्ध रिटर्न दाखिल करने वालों से किए गए हैं, जिनका मुख्य कारोबार शहरी क्षेत्र में होने की पुख्ता जानकारी विभाग को मिल चुकी है।
लोगों को नोटिस भेज जवाब मांगा गया है
रिटर्न में जिन लोगों ने पांच लाख से अधिक की कमाई कृषि से दर्शाई गई है, उनमें चिह्नित लोगों को नोटिस भेज जवाब मांगा गया है। अगर वे खेती से कमाई साबित नहीं कर पाए तो वह आमदनी सामान्य श्रेणी में मान उसी अनुरूप टैक्स व पेनल्टी वसूली जाएगी। -मानस मंडल, ज्वाइंट कमिश्नर, धनबाद आयकर प्रक्षेत्र