धनबाद. आयुष्मान भारत याेजना में कार्डधारक सूचीबद्ध किसी भी अस्पताल में पांच लाख तक का इलाज मुफ्त करा सकते हैं। डुमरी गिरिडीह के दीपू तुरी के लिए यह दावा खाेखला साबित हाे रहा है। मरीज 17 दिनाें से पीएमसीएच के ऑर्थाे वार्ड में भर्ती है। परिजन बताते हैं कि आयुष्मान कार्ड दे दिया है। कर्मचारियाें ने बताया है कि कागजी प्रक्रिया की जा रही है। जल्द ऑपरेशन हाेने की बात कह रहे हैं, लेकिन इस फेर में 17 दिन निकल गए। मरीज के बाएं पैर में फ्रैक्चर है। मजदूरी कर परिवार का जीवनयापन करने वाला दीपू कहता है कि जल्दी इलाज हाे जाएगा, यह साेचकर गिरिडीह से पीएमसीएच आए थे लेकिन यहां अभी तक ऑपरेशन नहीं हुआ। बताया कि मजदूरी कर घर लाैटते समय फिसल कर गिरने से पैर की हड्डी टूट गई। चलने-फिरने में भी असमर्थ है। इसलिए मजदूरी बंद है। परिवार-बच्चाें के भरण-पाेषण की चिंता अलग सताती है।
मरीज के भर्ती हाेते ही शुरू हाे जाती है प्रक्रिया
आयुष्मान कार्डधारक के अस्पताल में भर्ती हाेने के साथ याेजना के तहत इलाज की प्रक्रिया शुरू हाे जाती है। इसके लिए अस्पताल में बने अायुष्मान सेंटर पर अाॅनलाइन प्रक्रिया हाेती है। ओपीडी में इलाज से संबंधित ब्याोरा व वार्ड में भर्ती हाेने के बाद इलाज की प्रक्रिया, मेडिसिन, ओटी का ब्याैरा सबमिट कर बीमा कंपनी से प्री अाॅथराइजेशन लिया जाता है। ऑथराइजेशन मिलते ही मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है। जानकार बताते हैं कि सबकुछ ठीक रहा ताे घंटे-दाे घंटाें में से ऑथराइजेशन मिल जाता है। हालांकि सर्वर में खराबी हाेने पर सुविधा बाधित हाेने की आशंका भी रहती है।
अब तक बाहर से खरीद रहे दवा
काफी दिनाें से अस्पताल में भर्ती दीपू के परिजन अब तक दवा भी बाहर से ही खरीद कर ला रहे हैं, जबकि याेजना के तहत मरीजाें का कैशलेस इलाज हाेना है। हालांकि मरीज व परिजनाें ने कुछ दवा अस्पताल से भी दिए जाने की बात कही।
एप्रूवल के कारण पेंच फंसा
पीएमसीएच में आयुष्मान मित्र कृष्णा रेड्डी का कहना है कि एक्स-रे प्लेट में तकनीकी खामियां के कारण याेजना के तहत एप्रूवल नहीं मिलने के कारण मरीज को याेजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। गड़बड़ी काे दूर कर एप्रूवल के लिए भेजा गया। सहमति मिल भी गई है। अगले ओटी डेट पर मरीज का ऑपरेशन कराया जाएगा। ऑपरेशन व इलाज के लिए जरूरी दवा व इंप्लांट का ऑर्डर भेजा जा रहा है।