मधुमेह के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना पिएं Barley Tea

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आजकल ग्रीन टी ट्रेंडिंग में है। डॉक्टर भी बढ़ते वजन से परेशान लोगों को ग्रीन टी पीने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, कई अन्य बीमारियों में भी ग्रीन टी फायदेमंद साबित होती है। डायबिटीज रोग में भी ग्रीन टी पीनी चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो मिल्क और लेमन (दूध और नींबू) के बदले में ग्रीन टी (हर्बल) अधिक फायदेमंद साबित होती है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो जौ की चाय का सेवन कर सकते हैं। कई शोधों में प्रमणित हो चुका है कि जौ की चाय ब्लड शुगर कंट्रोल और कम कर सकती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

सनातन धर्म में जौ का विशेष महत्व है। धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर शादी में भी जौ का उपयोग किया जाता है। शास्त्रों में उपवास के दौरान जौ खाने की सलाह दी जाती है। इसके लिए व्रत-त्यौहार में जौ का इस्तेमाल किया जाता है।

जौ क्या है

सनातन धर्म में जौ का विशेष महत्व है। धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर शादी में भी जौ का उपयोग किया जाता है। शास्त्रों में उपवास के दौरान जौ खाने की सलाह दी जाती है। इसके लिए व्रत-त्यौहार में जौ का इस्तेमाल किया जाता है। इतिहासकारों की मानें तो प्राचीन समय से जौ की खेती की जाती है। आयुर्वेद में जौ को दवा माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत और सुंदरता के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। वहीं, जौ की चाय से इम्युनिटी और हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है।

रिसर्च गेट पर छपी एक लेख में जौ की चाय पर गहन शोध किया गया है। इस शोध की मानें तो जौ में बीटा-ग्लूकेन, फाइबर और फाइटोस्टेरोल्स जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इसमें जीरो कैलोरी होती है। इसके लिए डायबिटीज के मरीज जौ की चाय का सेवन कर सकते हैं। वहीं, International Journal of Innovative Science and Research Technology की एक शोध में डायबिटज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए जौ की दलिया खाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, नींद न आने की समस्या और तनाव में भी जौ की चाय कारगर साबित होती है। इसके सेवन से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन को बढ़ावा मिलता है। इससे नींद न आने की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही तनाव और अवसाद में आराम मिलता है। रोजाना दो कप जौ की चाय पीनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें

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