पटना. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली चुनाव से सीख लेना चाहिए। मैं बांटने वाले बयान का समर्थन नहीं करता हूं। गिरिराज को विभाजनकारी, अराजकता फैलाने वाले और समाज को बांटने वाले बयान से बचना चाहिए। इस तरह के बयानों का हश्र दिल्ली चुनाव में देख चुके हैं। हमारी सोच सभी को साथ लेकर चलने की है और यही उम्मीद मुझे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से है।
चिराग ने कहा कि गिरिराज सिंह की क्या सोच है और वे क्यों इस तरह का बयान दे रहे हैं? जब भी पार्टी के कुछ नेताओं ने इस तरह के बयान दिए हैं, तब-तब शीर्ष नेतृत्व ने इस तरह के बयानों का खंडन किया है। ऐसे बयानों को किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता। दिल्ली में भी इस तरह के बयानों से नुकसान हुआ और अमित शाह ने भी इसे स्वीकार किया है कि ऐसे बयानों के चलते पार्टी की हार हुई।
इधर, जदयू ने भी गिरिराज के बयान से किनारा किया है। जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि गिरिराज अपने पार्टी अध्यक्ष की नसीहत भी नहीं मानते हैं। जेपी नड्डा ने कुछ दिनों पहले गिरिराज को ऐसे बयान नहीं देने की हिदायत दी थी जिसे उन्होंने दरकिनार कर दिया। गिरिराज समाज में द्वेष पैदा करने वाली भाषा बोल रहे हैं जिससे उनको बचना चाहिए।
बुधवार को पूर्णिया में मीडिया से बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा था कि हमारे पूर्वजों से गलती हो गई। मुसलमान भाइयों को 1947 में ही वहां (पाकिस्तान) भेज दिया जाना चाहिए था। सिंह के मुताबिक, 1947 के पहले हमारे पूर्वज आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, उसी वक्त मोहम्मद अली जिन्ना इस्लामिक स्टेट की योजना बना रहे थे। गिरिराज के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सिंह ने ये भी कहा कि पूर्वजों की गलती का खामियाजा हमें आज उठाना पड़ रहा है।