पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इलाज के लिए पैसा मुहैया करवाने की गुहार लगाने वाले DSP हरजिंदर सिंह ने आखिरकार बुधवार को लुधियाना में दम तोड़ दिया। कोरोना संक्रमित होने के बाद वह छह अप्रैल से लुधियाना के SPS अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टर्स का कहना था कि उनके फेफड़े ट्रांसप्लांट करवाने की जरूरत है। इसके लिए लगभग 80 लाख रुपए की जरूरत थी।
DSP हरजिंदर सिंह लुधियाना सेंट्रल जेल में तैनात थे। वहीं ड्यूटी के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव हो गए। 6 अप्रैल को उन्हें सतगुरु प्रताप सिंह (SPS) अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां 21 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई, लेकिन उसके बाद भी उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। ऐसे में 9 मई तक उन्हें ICU में रखा गया। फिर भी हालत में कोई सुधार नहीं आया तो 10 मई को डॉक्टर्स ने बताया कि उनके लंग्स ट्रांसप्लांट कराने होंगे, जिसका खर्च 80 लाख रुपए के करीब है। हर तरफ से आस छोड़ चुकने के बाद उन्होंने पुलिस विभाग में बात की। अधिकारियों ने उनसे डॉक्टर से लिखवाकर लाने के लिए कहा। इसके बाद अधिकारियों ने बताया कि विभाग उनके इलाज के लिए 30 लाख से ज्यादा नहीं दे सकता है। इसी के चलते हरजिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले एक वीडियो में सूबे की सरकार से इलाज में मदद की गुहार लगाई थी।
इस पर 20 अप्रैल को पंजाब सरकार ने इलाज कराने के लिए पूरी रिपोर्ट मांगी थी। ADGP वेलफेयर और ADGP जेल के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर ने रिपोर्ट बनाकर भेज दी। उस दिन बात करने पर ADGP जेल पीके सिन्हा ने कहा था कि हरजिंदर सिंह की जान बचाने के लिए विभाग की और से कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्हें हैदराबाद ले जाकर उनके लंग्स ट्रांसप्लांट कराए जाएंगे, मगर यह इस बात पर निर्धारित करता है कि उनके लिए कितनी जल्दी लंग्स उपलब्ध हो सकता है।
उनका लंग्स ट्रांसप्लांट हो पाता, उससे पहले ही उनकी जान चली गई। उधर, इससे पहले लुधियाना में ACP अनिल कोहली, DSP वरिंदरपाल सिंह समेत कई पुलिस मुलाजिम ड्यूटी के दौरान कोरोना का शिकार होकर जान गंवा चुके हैं।