अजित डोभाल के वीडियो पर बोले गुलाम नबी आजाद- पैसे देकर किसी को भी साथ ला सकते हो

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जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने और धारा 370 को कमजोर करने का कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस विरोध की अगुवाई की है. इस बीच गुलाम नबी आजाद आज श्रीनगर दौरे पर जा सकते हैं, जहां पर वह कांग्रेस नेताओं के साथ इस मसले पर बैठक कर सकते हैं. कश्मीर जाने से पहले आजाद ने अजित डोभाल के वीडियो पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि आप पैसा देकर किसी को भी साथ ला सकते हैं.

गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की वीडियो पर कहा कि पैसे देकर आप किसी को भी साथ ले सकते हो. बता दें कि बुधवार को एक वीडियो सामने आया था, जिसमें अजित डोभाल शोपियां में आम कश्मीरियों के साथ सड़क पर खाना खाते हुए दिखे थे.

सरकार पर जमकर साधा निशाना

अपने कश्मीर दौरे पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह हर बार संसद के सत्र के बाद घाटी जाते हैं, ऐसे में उन्होंने किसी तरह की परमिशन नहीं ली है. उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब आपने किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया हो और वहां पर कर्फ्यू लगा हो.

आजाद ने कहा कि एनडीए सरकार का फैसला काफी शर्मनाक है, उन्होंने एक राज्य का अस्तित्व ही खत्म कर दिया है. कांग्रेस में इस मसले को लेकर विवाद है, कई नेताओं ने धारा 370 को कमजोर करने का समर्थन किया है. इस बीच गुलाम नबी आजाद का ये दौरा महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वह स्थानीय नेताओं के साथ हालात पर बैठक कर सकते हैं.

आजाद के बयान पर भड़की भाजपा

गुलाम नबी आजाद के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी भड़क गई है. भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि आजाद को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनका ये बयान अब पाकिस्तान इस्तेमाल करेगा. उन्होंने कहा कि अजित डोभाल वहां पर लोगों से मिलजुल कर हालात का जायजा ले रहे हैं, ऐसे में आप ये कैसे कह सकते हैं कि पैसा लेकर किसी को भी साथ लाया जा सकता है.

370 को लेकर कांग्रेस दो फाड़

अगर कांग्रेस पार्टी के रुख की बात करें तो राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही जगह कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का विरोध किया है. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर कश्मीर पर फैसला लिया है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार के कश्मीर फैसले को आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया था.

राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने ही सरकार के फैसले का विरोध किया था और करीब 45 मिनट तक सरकार पर बरसे थे. हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दीपेंद्र हुड्डा, जनार्दन द्विवेदी जैसे नेताओं ने कश्मीर से धारा 370 कमजोर किए जाने का समर्थन किया है.

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