रबी की मुख्य फसल गेहूं की बिजाई में देरी से चिंतित किसानों के लिए राहत की खबर है। कृषि विभाग ने कम अवधि में गेहूं की फसल तैयार करने वाला बीज मंगा लिया है। बीज बांटा भी जाने लगा है। राज 4083 किस्म का गेहूं बीज 90 दिन में फसल तैयार कर देता है। यही नहीं, कम बारिश होने पर भी इसकी पैदावार पर विपरीत असर नहीं पड़ता।
विभाग ने 31 दिसंबर तक बीज वितरण का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 25 दिसंबर तक पांच हजार क्विंटल बीज बांटा जाएगा। कृषि विभाग के स्टोरों पर बीज सस्ती दरों पर मुहैया कराया जाएगा। नया बीज जनवरी में बोया जाता है तो मार्च अंत तक कटाई की जा सकेगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक राज 4083 का आटा भी सुगंधित होता है। खाने में भी स्वादिष्ट और पौष्टिक है।
जम्मू, सांबा और कठुआ में नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू हो जाती है। इस दौरान एचडी 2967 और एचडी 3086 गेहूं का बीज बोया जाता है। फसल पकने में पांच से छह माह लगते हैं। यानी फसल मार्च के अंत तक पकती है। कई बार तो अप्रैल भी लग जाता है। इस बार बारिश और तूफान के कारण बासमती की फसल खेतों में ही रह गई। कहीं खेतों में पानी भर गया तो कहीं कटी फसल भी बरबाद हो गई। इसी वजह से नवंबर-दिसंबर में गेहूं की बिजाई नहीं हो पाई।
35 से 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है पैदावार
बीज पूरी तरह से उपचारित
बीज पूरी तरह से उपचारित है। ऐसे में फरवरी के अंत में मौसम में बदलाव के दौरान फसल येलोरास्ट बीमारी की चपेट में आने की आशंका कम रहेगी। फरवरी में इस बीमारी के कारण भी फसल बरबाद हो जाती है।
35 से 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है पैदावार
राज 4083 की पैदावार प्रति हेक्टेयर 35 से 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहेगी, जबकि अन्य बीजों की पैदावार 40 से 42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के आसपास रहती है। देर से बिजाई से फसल की पैदावार पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
राज 4083 गेहूं का बीज किसानों को मुहैया करवाया जाएगा। इस बार किसान गेहूं बिजाई करने में लेट हो गए हैं। बिजाई के बाद यह किस्म 90 दिनों में फसल तैयार कर देती है। मार्च अंत तक कटाई का काम शुरू हो जाएगा। – रविंद्र थपलू, डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग