योजना : राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर लाएगी सरकार, कैबिनेट ने 8500 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दी

0
49

नई दिल्ली. सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लाने को मंजूरी दे दी है। एनपीआर अपडेशन के लिए कैबिनेट ने 8500 करोड़ रुपए के फंड आवंटन को भी स्वीकृति दी है। इसमें देश के नागरिकों का डेटा होगा। सूत्रों का कहना है कि अगले साल अप्रैल से एनपीआर लाया जा सकता है।

एनपीआर के लिए डेटा 2010 में तभी इकट्ठा किया गया था, जब 2011 की जनगणना के लिए आंकड़े जुटाए गए थे। इस डेटा को 2015 में अपडेट किया गया था। इसका डिजिटाइजेशन भी पूरा हो गया है।

अब क्या होगा
रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस (जनगणना) कमिश्नर के मुताबिक, असम को छोड़कर देश की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 तक जनगणना के आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसी दौरान एनपीआर को भी अपडेट किया जाएगा। इसके लिए इसी साल अगस्त में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था।

क्या है एनपीआर
एनपीआर को नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र का मसला) नियम 2003 के तहत स्थानीय स्तर पर यानी उपजिला, जिला और राज्य स्तर पर बनाया जाएगा। देश के हर नागरिक के लिए इसमें नाम दर्ज कराना जरूरी है। इसका मकसद देश में रह रहे नागरिकों का समग्र डेटाबेस तैयार करना है। यह डेटाबेस जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक आधार पर बनाया जाएगा।

एनआरसी और एनपीआर में फर्क
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी- इसके जरिए अवैध नागरिकों की पहचान होगी।

एनपीआर- 6 महीने या उससे ज्यादा वक्त से एक क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को एनआरपी में रजिस्ट्रेशन कराना होगा या ऐसा व्यक्ति जो अगले 6 महीने के लिए उस जगह रहने की इच्छा रखता है, उसे भी इसके तहत अपनी जानकारी देनी होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here