रोहतक. दो साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में रोहतक की सुनारियां जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर नही आएगा। पैरोल न मिलने की स्थिति देखते हुए राम रहीम ने सोमवार को अपनी पैरोल की अर्जी वापस ले ली। बीते कुछ महीनों में यह दूसरी बार हुआ है, जब राम रहीम ने पैरोल के लिए दी गई अर्जी वापस ले ली। इससे पहले 2018 के आखिरी में बाबा ने डेरा सच्चा सौदा में अपनी एक गोद ली बेटी की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल की अर्जी दी थी, लेकिन बाद में वापस ले ली थी।
गुरमीत राम रहीम ने 18 जून को रोहतक की जिला जेल के अधीक्षक को आवेदन देकर 42 दिन की पैरोल मांगी थी। पैरोल की वजह खेती बताई जा रही थी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने सिरसा जिला प्रशासन से सिफारिश मांगी तो विरोध के स्वर पूरे प्रदेश में उठने लगे। मुद्दा उठा कि राम रहीम के नाम पर कोई जमीन ही नहीं है। सिरसा में जमीन डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम है। गुरमीत को इस जमीन पर काश्तकार भी डेरा प्रमुख को नहीं माना गया।
जेल प्रशासन द्वारा गुरमीत राम रहीम के जेल में आचरण को अच्छा बताए जाने के बाद उसे पैराेल मिलने की चर्चाएं गर्म हो गईं। इसी दौरान राज्य के जेल मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयानों से भी गुरमीत राम रहीम को पैराेल मिलने की उम्मीदें जगी।
मामला गर्म होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी बयान देना पड़ा और उन्होंने इस मामले में कानून के प्रावधानों के तहत कदम उठाए जाने की बात कही। इसके बाद रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति भी सामने आए और कहा कि यदि गुरमीत राम रहीम को पैराेल दी गई तो वह इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाएंगे। उन्होंने गुरमीत से खुद व अपने परिवार को खतरा बताया।
इसी बीच सोमवार रात खबर आई कि गुरमीत राम रहीम सिंह ने पैरोल संबंधी अर्जी को वापस ले ली है। अर्जी में गुरमीत ने कहा है कि ‘मैं फिलहाल खेती के लिए मांगी गई पैरोल को वापस ले रहा हूं और भविष्य में इस पर अपना हक रखता हूं।’ इसकी पुष्टि रोहतक जिला जेल के अधीक्षक ने की। साथ ही, रोहतक के कमिश्नर पंकज यादव ने भी बताया कि गुरमीत ने अर्जी वापस ले ली है।