मानसून की देरी से समूचा हरियाणा बेहाल है। अभी यह उत्तराखंड के मुक्तेश्वर में अटका हुआ है। प्रदेश में मानसून की देरी के कारण खरीफ बिजाई लक्ष्य भी पीछे रह गया है। भारतीय किसान यूनियन ने सीएम मनोहर लाल को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।
किसानों का कहना है कि बिजली निगम 8 घंटे सप्लाई दे रहा है, लेकिन इसे मानसून के आगमन तक 2 घंटे बढ़ाकर रोजाना 10 घंटे किया जाना चाहिए, क्योंकि खरीफ फसलों को रिकार्ड गर्मी में बचाए रखना चुनौती बन गया है। इधर, कृषि विभाग ने अधिकारियों को फसलों पर नजर रखने के आदेश दिए हैं, ताकि सूखे की स्थिति पता लगने पर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की जा सके।
8 जिलों मंे 90 फीसदी, जबकि 3 जिलों मंे 80 फीसदी तक कम बरसात हुई है। जबकि मानसून सीजन के 31 दिन बीत चुके हैं। सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि रोजाना की रिपोर्ट ली जा रही है। सूखे जैसे हालात नहीं बनने देंगे। किसानों की फसल किसी भी सूरत में नहीं सूखने दी जाएगी।
किसान बोले-हम पानी बचाने के पक्ष में, लेकिन फिलहाल दिक्कत :
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान के अनुसार सीएम को पत्र लिखा गया है। पत्र के जरिए मांग की गई है कि किसान पानी बचाने के पक्ष में हैं। क्योंकि बिना पानी कुछ नहीं, लेकिन मानसून की देरी के कारण फिलहाल वे गहरे संकट में हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि सीएम मनोहर लाल किसानों की पीड़ा समझेंगे और जब तक मानसून नहीं आता, तब तक बिजली की स्पलाई 2 घंटे बढ़ा देंगे।
12 लाख हेक्टेयर में धान रोपाई का लक्ष्य :
अबकी बार खरीफ सीजन में 30 लाख हेक्टेयर से अधिक एरिया में खरीफ की फसलों की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें 12 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य धान का है। धान की रोपाई महज डेढ़ से दो लाख हेक्टेयर तक पहुंच पाई है। जबकि 6.64 लाख हेक्टेयर में कपास की फसल खड़ी है।
इन पांच जिलों मंे बिगड़ने लगे हालात :
1 जून से 1 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 62 फीसदी कम बरसात हुई है। इस अवधि में 50.5 एमएम बरसात होनी थी, यह महज 19.3 एमएम हुई है। 5 जिलों गुड़गांव, मेवात, पलवल, पंचकूला, यमुनानगर में 90 फीसदी से कम बरसात हुई है, जबकि फरीदाबाद, पानीपत, रोहतक में सामान्य से 80 फीसदी से कम हुई है।
ये करें किसान खेत को गीला रखें :
एचएयू हिसार के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. धर्मवीर यादव के अनुसार धान में पानी खड़ा करने की जरूरत नहीं है। खेत गीला रहना चाहिए। फिलहाल पानी कम है तो धान रोपाई पांच दिन लेट कर सकते हैं। ध्यान रहे धान के खेत में दरारें न पड़ें। अब खरपतवार को नष्ट करने की दवाई आ चुकी है।