हार्ट की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वैज्ञानिकों ने ई-टैटू विकसित किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह फिटनेस ट्रैकर से बेहतर काम करता है। इसे टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। यह ईसीजी (इलेक्ट्रो कार्डियो ग्राम) और एससीजी (सीज़मो कार्डियोग्राफी) कर हृदय से जुड़ी जानकारी यूजर तक पहुंचाता है।
पतले और खिंचने वाले सेंसर का इस्तेमाल
- शोधकर्ता के मुताबिक, ई-टैटू में बेहद पतले और आसानी से खिंचने वाले सेंसर का इस्तेमाल किया गया है। यह मार्केट में उपलब्ध फिटनेस ट्रैकर से बेहतर है। क्योंकि इसमें फिलामेंट्री सर्पेटाइन पॉलीविनायल फ्लोराइड का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे काफी हल्का बनाता है। इस कारण इसे लंबे समय तक पहना जा सकता है।
हार्ट बीट की जानकारी मोबाइल पर मिलेगी
ई-टैटू एक जाल की तरह दिखता है। इसकी लंबाई 38.1 मिमी और चौड़ाई 63.5 मिमी है। इस्तेमाल करने के लिए ई-टैटू को सीने पर चिपका दिया जाता है। यह स्मार्टफोन से जुड़ा रहता है। हार्टबीट सामान्य या असामान्य है हार्ट से जुड़ी ऐसी कई जानकारी फोन में भेजकर हृदय रोगों से बचाता है। शोधकर्ता इसे वायरलेस तरीके से चार्ज करने की नई तकनीक पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा डिवाइस के डाटा को स्टोर करने की प्रक्रिया में भी सुधार किया जा रहा है।
इसमें एससीजी फीचर भी है
प्रोफेसर नैन्शू लू के मुताबिक, हृदय रोगों का पता लगाने के लिए सिर्फ ईसीजी ही काफी नहीं है। इसलिए ई-टैटू में एससीजी का फीचर भी दिया गया है। वर्तमान में एससीजी फीचर वाले फिटनेस ट्रैकर उपलब्ध हैं लेकिन भारी होने के कारण लंबे समय तक उनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
सीने में वाइब्रेशन वाले हिस्से में लगाया जाएगा
ई-टैटू में 3डी डिजिटल इमेज को-रिलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीक की मदद से यह जाना जाता है कि सीने के किस हिस्से में वाइब्रेशन हो रहा है, जहां ई-टैटू लगाया जाए तो बेहतर परिणाम देगा।