ग्वालियर हाईकोर्ट ने सागर की फॉरेंसिक साइंस लैब के डायरेक्टर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है, लैब में DNA रिपोर्ट देने में अधिक समय क्यों लग रहा है? लैब में 7300 जांच क्यों लंबित है? इसके अलावा उन्हें हाईकोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का भी जवाब देना है। DNA रिपोर्ट न मिल पाने के कारण कुछ मामलों का भविष्य अटका है, इसलिए हाईकोर्ट ने फॉरेंसिक लैब सागर के डायरेक्टर से जवाब मांगा है।
उच्च न्यायालय ने ये सवाल गोलू वंशकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछे हैं। दुष्कर्म के आरोपी सोनू ने जमानत के लिए यह कहते हुए याचिका पेश की है, उसके मामले में सभी गवाह घटना को नकार चुके हैं, इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए। मामले में DNA रिपोर्ट आना थी, जो कोर्ट में पेश नहीं की गई।
इस पर शासन की ओर से कहा गया कि लैब में 7300 और मामलों में DNA रिपोर्ट तैयार होना है। न्यायालय ने अन्य मामलों में भी बार-बार यही जवाब आने पर लैब के डायरेक्टर से जवाब तलब किया है कि आखिर लैब में कितने वैज्ञानिक काम कर रहे हैं और जांच में इतना विलंब क्यों हो रहा है?
तीन-तीन महीने नहीं मिलती है DNA रिपोर्ट
DNA रिपोर्ट समय पर न आने से कई मामलों के फैसले अटके हैं। सागर फॉरेंसिक लैब से कोई भी आम DNA रिपोर्ट 3 महीने से पहले नहीं मिलती है। काफी समय से ग्वालियर में भी इस तकनीक की लैब खोले जाने की मांग की जा रही है, जिससे ऐसे मामलों में रिपोर्ट का इंतजार न करना पड़े।