बेंगलुरु. नागरिकता कानून के खिलाफ गुरुवार को कर्नाटक के कई शहरों में प्रदर्शन हुए। मेंगलुरु में उपद्रवियों ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी। पथराव में 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। पुलिस ने बचाव में फायरिंग की इसमें 2 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई का दावा है कि मेंगलुरु में पड़ोसी राज्य केरल से आए कुछ गद्दारों की वजह से हिंसा हुई। वे 4 दिन से इसकी साजिश रच रहे थे। अफवाहें फैलाई जा रही थीं। वहीं, भाजपा नेता बीएस संतोष का आरोप है कि इसके लिए कांग्रेस विधायक यूटी खादर जिम्मेदार हैं।
बोम्मई ने दावा किया कि मेंगलुरु में कुछ गद्दारों की वजह से हिंसा हुई। इसमें पड़ोसी राज्य केरल के लोग शामिल हैं। वे पिछले 4 दिनों से हिंसक प्रदर्शन की योजना बना रहे थे। प्रदर्शन को लेकर कुछ अफवाहें फैलाई गईं, ताकि लोग गुमराह हो जाएं। वहीं, भाजपा नेता बीएस संतोष ने आरोप लगाया है कि मेंगलुरु में जो कुछ हुआ उसके लिए कांग्रेस विधायक यूटी खादर जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
अफवाह और झूठी खबरों से अस्थिरता लाने की कोशिश: भाजपा
संतोष ने ट्वीट किया- कुछ लोग हिंसक प्रदर्शन, फेक न्यूज और अफवाहें फैलाकर देश में अस्थिरता का माहौल बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि रामचंद्र गुहा की गिरफ्तारी से देश की छवि धूमिल हुई। अगर आप 10 हजार लोगों से गुहा के बारे में पूछेंगे तो 9999 भी नहीं बता पाएंगे। ये वाम समर्थक विशेषज्ञ खुद के महिमामंडन में सिद्धहस्त हैं।
मेंगलुरु समेत दो जिलों में इंटरनेट बंद, गुहा के खिलाफ एफआईआर
मेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर पीएस हर्ष ने बताया कि हिंसक घटनाओं के बाद शहर में धारा 144 अब 22 दिसंबर तक बढ़ाई गई है। इसके अलावा मेंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ जिले में 48 घंटे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक रहेगी। उधर, बेंगलुरु के कमिश्नर भास्कर राव ने कहा कि प्रदर्शन और हिंसा के मामले 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में विधायक रिजवान अरशद और इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हैं। शहर में शनिवार तक धारा 144 लागू रहेगी।
आईआईएम और आईआईएस में भी छात्रों ने विरोध जताया
नागरिकता कानून के विरोध में कर्नाटक में वाम दलों और मुस्लिम संगठनों ने बंद बुलाया था। इसके मद्देनजर बेंगलुरु समेत कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई थी। मैसूर और कलबुर्गी से प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए थे। बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के छात्रों ने कैंपस में प्रदर्शन हुआ। इस दौरान छात्रों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।