कोराेना में माता-पिता को खो चुके बच्चे किस हाल में हैं

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कोरोना में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को सहारा देने के लिए पालक और सहायक पालक अधिकारी नियुक्त किए हैं, लेकिन ये पालक अधिकारी अपनों को खो चुके बच्चों के अभिभावक की भूमिका ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं। इसे लेकर सोमवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रीतमलाल दुआ सभागृह में समीक्षा बैठक की। इसमें पालक अधिकारी एसडीएम अक्षय सिंह मरकाम से जब बच्चों के बारे में पूछा तो वह कुछ खास जानकारी नहीं दे सके। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की।उन्होंने कहा कि बच्चों के संवेदनशील मामले में यदि लापरवाही करेंगे तो फिर पता नहीं किस तरह से काम करोगे। दो अधिकारी मीटिंग में नहीं पहुंचे तो कहा कि यह गलत है। इसके बाद उन्होंने पालक अधिकारियों को नसीहत दी कि ऐसी लापरवाही नहीं चलेगी। प्रशासन का काम है लोगों की मदद करना और जब हम मदद नहीं करेंगे तो फिर कैसे अपनी ड्यूटी निभाएंगे।

बच्चों की संपत्ति बचाने, उन पर से कब्जे हटाने की जिम्मेदारी भी पालक अधिकारियों को सौंपी

एक बच्ची ने कलेक्टर को बताया कि उन पर दो पहिया वाहन का कर्जा है, वह चुकाने की स्थिति में नहीं है। इस पर पालक अधिकारी से कलेक्टर ने किसी संस्था की मदद से बैंक को वन टाइम सेटलमेंट कराने के लिए कहा। अधिकारियों को बच्चों की प्रॉपर्टी का संरक्षण करने और उनकी शिक्षा में किसी तरह की समस्या नहीं आने के निर्देश दिए गए।

कलेक्टर ने कहा कि जहां वसीयत बनना है, संपत्ति उनके नाम होना है। किसी ने कब्जा किया है तो उसे हटाना है। उनके हक को बचाने के लिए जो प्रयास, वैधानिक कार्रवाई करना हो वह तत्काल की जाए। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि वह मदद के लिए आह्वान कर रहे हैं। इसमें सक्षम लोगों को जोड़ा जा रहा है।

अफसर से कलेक्टर बोले – यह आप पाप कर रहे हैं, इन बच्चों की देखभाल ईश्वर का काम है

कलेक्टर – आप वहां गए क्या, आपने देखा, बच्चों से मिले क्या, उनके पास क्या संपत्ति है? एसडीएम- नहीं सर, मैं बाहर था। कलेक्टर- अभी तक आपने उनके बच्चों के बारे में कोई जानकारी जुटाई, कुछ पता है आपको, कहां रहते हैं? एसडीएम- नहीं सर। कलेक्टर- आप समझो इस बात को, आप पाप कर रहे हैं, यह ईश्वर का काम है। आप जैसे निकम्मे अधिकारियों से काम नहीं होता है, बैठ जाइए आप।

जैन समाज के दानदाता 11 बच्चियों को गोद लेने के लिए आए आगे

सांसद लालवानी ने बताया कि जैन समाज के एक दानदाता 11 बच्चियों को गोद लेने के लिए आगे आए हैं। दानदाता द्वारा बच्चियों की पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी तक की सारी जिम्मेदारी संभालने की इच्छा जताई है। कलेक्टर ने कोरोना प्रभावित 235 बच्चों की स्कूल फीस माफ कराई है।

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