बॉलीवुड डेक. ऋतिक रोशन का नाम भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे हैंडसम लोगों में शामिल किया जाता है। वो एशिया के सबसे सेक्सिएस्ट शख्स की पदवी से नवाजे जा चुके हैं, तो कुछ लोग उन्हें ग्रीक गॉड कहकर भी बुलाते हैं। उन्हें फिल्मों में रोल भी उनकी इस हैंडसम इमेज पर सूट करने वाले ही मिलते रहे हैं। लेकिन उनकी आने वाली फिल्म ‘सुपर 30’ में उन्हें अपनी चिरपरिचित इमेज से अलग रोल मिला।
‘सुपर 30’ में वो कॉमन मैन की तरह नजर आने वाले मैथमैटीशियन आनंद कुमार के रोल में हैं। इस कैरेक्टर को आत्मसात करने, उनके जैसा लुक पाने के लिए ऋतिक को काफी मेहनत करनी पड़ी। ऋतिक ने अपने रोल की तैयारी को लेकर बातचीत की।
7 किलो से ज्यादा वजन घटाया, फिर उतना बढ़ाया भी
- आनंद कुमार के साथ 8 से 10 घंटे तक बैठकर उनकी कहानी को सुना।
- 4 घंटे तक हुआ करती थीं मीटिंग्स, बातचीत करते थे रिकॉर्ड।
- 7 किलो से ज्यादा वजन घटाया, फिर उतना बढ़ाया भी।
- 3 महीने में सीख पाए बिहारी एक्सेंट, स्टूडेंट्स से ली मदद।
- 30 बच्चों के साथ में घुल मिलकर रहा, उनसे काफी कुछ सीखा।
- 45 डिग्री की धूप में पापड़ बेचने के सीन भी मैंने किए।
बच्चे बने मददगार
ऋतिक रोशन ने बताया, “उन तीस बच्चों में सेंस ऑफ अबैंडन था। दरअसल वे सब क्लीन स्लेट थे। उनको किसी ने न तो एक्टिंग सिखाई थी, न डायलॉग डिलीवरी की फॉर्मल ट्रेनिंग मिली। वे सब के सब नैचुरल थे। उनके साथ बिताए वक्त ने मुझे किरदार में ढलने में काफी मदद की।”
- “आनंद जी के कैरेक्टर में जाने मैंने उनसे मुलाकातों का सिलसिला शुरू किया। मैंने उनके साथ होने वाली बातचीत के वीडियो रिकॉर्ड करवाना शुरू कर दिए। रात को उसे ध्यान से देखता, उससे उनकी बॉडी लैंग्वेज पकड़ने में आसानी होने लगी।”
मीटिंग्स से समझी पर्सनालिटी
“उनसे आधा दर्जन से ज्यादा मीटिंग्स कीं। सब दो-दो घंटों से ज्यादा की होती थीं। कई बार चार-चार घंटों की मीटिंग भी हुआ करती थीं। इन मीटिंग्स से उनकी पर्सनालिटी को समझने में मदद मिली।”
- “मैंने तीन महीने एक्सेंट सीखने पर दिए। सभी तीस बच्चों के साथ खूब घुल मिलकर रहा। उनके साथ बोलकर धीरे-धीरे बिहारी एक्सेंट पकड़ना शुरू किया। उन बच्चों ने मुझे बहुत कंफर्ट दिया।”
- ऋतिक रोशन ने बताया, “इस फिल्म में मेरी कलर टोन डार्क एक लॉजिक के तहत रखी गई है। एक बंदा जो चिलचिलाती गर्मी में पापड़ बेचता हो, जमकर मेहनत करता हो, वह गोरा कैसे हो सकता है।”
- ऋतिक रोशन ने बताया कि आनंद सर असल जीवन में सिक्स पैक एब्स वाले तो हैं नहीं, इसलिए उनके रोल के लिए मुझे अपना वेट तकरीबन 7 किलो कम करना पड़ा। फिर आगे के सीन्स के लिए वजन को बढ़ाया भी है।
- आनंद कुमार के शुरुआती संघर्ष के दिनों के सीन फिल्माना भी एक बड़ी चुनौती थी। सड़कों पर पापड़ बेचने के सीन की शूटिंग ऋतिक ने राजस्थान की 45 डिग्री की चिलचिलाती गर्मी में की। फिल्म से जुड़े करीबी सूत्र के अनुसार, ऐसे मौसम में फिल्माना आसान नहीं था, क्योंकि गर्मी के कारण क्रू के लोग पसीने में भीग जाते थे और डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते थे। लेकिन ऋतिक अपने किरदार की स्प्रिट पकड़ने के लिए ऐसे मौसम से नहीं डरे ओर घंटों तक सड़कों पर तपते सूरज के नीचे रहते थे। उन्होंने अपने इस फिल्म के लुक में ही पापड़ भी बेचे।
फेरीवालों से घुल मिल गए ऋतिक
ऋतिक के कई लुक टेस्ट लिए गए। जब राजस्थान में पहले शेड्यूल के लिए टीम शूटिंग कर रही थी, तब उनका यह लुक आखिरकार फाइनल किया गया। शूटिंग के दौरान ऋतिक कुछ रियल स्ट्रीट फेरीवालों और पापड़ विक्रेताओं के साथ काफी अच्छे से घुलमिल गए थे और वो अपने किरदार में बिल्कुल फिट दिख रहे थे।
- मेरे हाथों की हरकतों को पकड़ने से लेकर आंखों में दर्द और संघर्ष के रिफ्लेक्शन तक, मैं ऋतिक के प्रयासों को देखकर हैरत में था। ऋतिक ने बेहद पूर्णता के साथ मेरा रील किरदार निभाया है, जहां उन्होंने मेरी आत्मा को अपने चरित्र में पिरोया है। ऐसा लगा कि मैं खुद को स्क्रीन पर देख रहा हूं। वे मेरी परछाई की तरह दिखते हैं।