कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने में हो रही देरी को लेकर पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारियों यूनियन ने सघर्ष का बिगुल बजाया है। वक्ताओं ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी नाकाम साबित हुई है, जिसके चलते वह चक्का जाम करने को मजबूर हो रहे हैं। प्रदर्शनों की शुरूआत से पूर्व 11 दिसम्बर को चंडीगढ़ में सरकार की नीतियों को उजागर किया जाएगा जबकि 18 दिसम्बर को राज्य के सभी डिपुओं में रोष प्रदर्शन किए जाएंगे, 22 दिसम्बर को विधायकों और मंत्रियों को ज्ञापन दिए जाएंगे।
देशभगत यादगार हाल में प्रदर्शनों की रूपरेखा तैयार करने संबंधी यूनियन की प्रदेश स्तरीय मीटिंग बुलाई गई जिसमें पंजाब के सभी 27 डिपोओं के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लेते हुए अपने विचार सांझे किए। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग में ठेका प्रणाली के कारण कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। ठेकेदारों द्वारा वेतन में कटौती, पी.एफ. और ई.एस.आई. की गड़बड़ी तथा रिश्वतखोरी जैसी समस्याओं ने कर्मचारियों की स्थिति दयनीय बना दी है।
यूनियन के प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमेशर सिंह ढिल्लों, गुरप्रीत सिंह पन्नू, चानण सिंह चन्ना, जगतार सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में कर्मचारियों का शोषण और निजीकरण की साजिश का आरोप लगाते हुए नीतियों पर सवालिया निशान लगाए गए। उन्होंने कहा कि विभाग का निजीकरण करने के लिए प्राइवेट बस कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यूनियन ने मांग रखते हुए कहा कि ठेकेदारी प्रथा को खत्म करके कर्मचारियों को पक्का किया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि इसी क्रम में आपसी सहमति के चक्का जाम की तैयारी की गई है। इसके चलते यूनियन द्वारा 6, 7 व 8 जनवरी को राज्यभर में सरकारी बसों का चक्का जाम किया जाएगा और मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धरना देते हुए रोष जताया जाएगा। इस मौके जलौर सिंह, जोध सिंह, रोही राम, रणजीत सिंह, हरप्रीत सिंह सोढ़ी, रणधीर सिंह राणा, बलजीत सिंह, जगजीत सिंह लिबड़ा, बलजीत सिंह गिल और गुरप्रीत सिंह जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए।
रोडवेज व पनबस से संबंधित कर्मचारियों को नहीं किया पक्का
वहीं वक्ताओं ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने संबंधी बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि पंजाब रोडवेज, पनबस व पी.आर.टी.सी. के किसी भी ठेका कर्मचारी को अभी तक पक्का नहीं किया गया है। वक्ताओं ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने संबंधी दिए गए आश्वासन खोखले साबित हो रहे हैं। विभाग द्वारा कच्चे कर्मचारियों को परेशान करने के लिए कई तरह के हथकंड़े अपनाए जा रहे है जिसे यूनियन बर्दाश्त नहीं करेगी।